- विधान परिषद् में संतोष कुमार सिंह के सवाल का जवाब दिया

PATNA : विधान परिषद में आर्सेनिक और फ्लोराइड युक्त पानी का सवाल उठा। एमएलसी संतोष कुमार सिंह ने सवाल उठाया कि बिहार के फ्8 में से 8 जिले का पानी ही पानी लायक हैं। शेष क्फ् जिले आर्सेनिक, क्क् फ्लोराइड और 9 जिले आयरन प्रभावित हैं। वहां का पानी पीने से घेघा, त्वचा और हड्डियों की बीमारी हो रही है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक नागरिकों को पाइप से घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने में बिहार फिसड्डी राज्यों में है। सवाल का जवाब पीएचईडी मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने जब दिया तब हालात और भी चौंकानेवाले आए। उन्होंने कहा कि 8 जिले नहीं बल्कि भ् जिलों का पानी पीने लायक है।

क्फ् जिलों में ज्यादा आर्सेनिक

मंत्री ने जवाब में कहा कि गंगा नदीं के किनारे अवस्थित क्फ् जिलों के क्भ्90 बसावटों में आर्सेनिक की मात्रा अनुमान्य सीमा (भ्0 पीपीबी) से ज्यादा है। वे जिले हैं-बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, कटिहार, खगडि़या, लखीसराय, मुंगेर, पटना, समस्तीपुर, सारण और वैशाली।

क्क् जिलों में ज्यादा फ्लोराइड

मंत्री ने बताया कि सूबे के पठारी या उपपठारी भाग के क्क् जिलों के ब्क्भ्7 बसावटों में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है। वे जिले हैं-नालंदा, औरंगाबाद,भागलपुर, नवादा, रोहतास, कैमूर, गया, मुंगेर, बांका, जमुई और शेखपुरा।

9 जिलों में लौह की मात्रा ज्यादा

बताया कि सूबे के पूर्वोत्तर के 9 जिलों केक्8म्7फ् बसावटों में अधिक लौह की समस्या है। वे जिले हैं- अररिया, खगडि़या, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, किशनगंज, बेगूसराय, मधेपुरा और सहरसा।

यह कदम उठा रही सरकार

जवाब में कहा गया कि इस समस्या को देखते हुए अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं का कार्यान्वयन कर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई। क् अप्रैल ख्0क्भ् को आर्सेनिक प्रभावित म्म् बसावट, फ्लोराइड प्रभावित ब्98 बसावट और लौह प्रभावित ख्9भ्भ् बसावट आच्छादन के लिए शेष रह गए हैं। इन बसावटों का आच्छादन प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में आर्सेनिक प्रभावित फ्ख् बसावट, फ्लोराइड प्रभावित क्ब्9 बसावट और लौह प्रभावित क्ख्फ्ख् बसावट का आच्छादन किया गया है। अल्पकालिक योजना के अंतर्गत चापाकल के एटैचमेंट यूनिट सैनेटरी कूप और छोटी योजनाओं का निर्माण कराया गया है।

मध्यकालिक और दीर्घ कालिक योजना के रूप में ट्रीटमेंट यूनिट के साथ मिनी जलापूर्ति योजना और सतही जल आधारित बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजनाओं का कार्यान्वयन कराया गया है और कराया जा रहा है। आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए क्07म् गहरे नलकूप का निर्माण कराया गया है क्योंकि 80 मीटर से अधिक गहराई के एक्यूफर में आर्सेनिक की मात्रा अनुमान्य सीमा से कम रहती है। मध्यकालिक व दीर्घकालिक योजना के तहत आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में क्क्7 मिनी जलापूर्ति योजना, एक बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजना का कार्य पूर्ण कर चालू किया गया है और भ् बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजनाओं का कार्य प्रगति में है। फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में क्79 मिनी जलापूर्ति योजना पूर्ण की गई है और तीन बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजना का कार्य प्रगति में है। लौह प्रभावित क्षेत्रों में भ्क्7 मिनी जलापूर्ति योजना का कार्य पूर्ण किया गया है और फ्भ्0 योजना का कार्य प्रगति में है। बताया कि सरकार के सुशासन के कार्यक्रम ख्0क्भ्-ख्0 के अंतर्गत विकसित बिहार के लिए निर्धारित 7 निश्चय में हर घर नल का जल शामिल है।