- राप्ती आधे मीटर से ज्यादा बढ़ी, रोहिन ने पार किया लाल निशान, घाघरा भी डेंजर लेवल से ऊपर

- जंगल कौडि़या और कैंपियरगंज में फ्लड पोस्ट और कंट्रोल रूम एक्टिवेट

- पिछले साल भूकंप आने की वजह से नेपाल में नहीं ठहर पा रहा है पानी

GORAKHPUR: गोरखपुरवासियों पर एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई इलाकों में नदियों ने खतरे का निशान पार कर लिया है तो कई जगह वह बस इसे छूने को तैयार हैं। ऐसे में जिम्मेदारों की हवाइयां उड़ गई हैं। पिछले दो दिनों से लगातार बढ़ रही राप्ती में नेपाल का पानी लगातार आने की वजह से बढ़त का सिलसिला जारी है। राप्ती की सहायक नदी रोहिन भी उफान पर है और उसने खतरे का निशान पार कर लिया है। जिम्मेदारों को डर सताने लगा है कि कहीं यह बाढ़ का पानी इस बार डुबो न दे? बंधों पर बढ़ रहे दबाव को देखते हुए सभी फ्लड पोस्ट और कंट्रोलरूम को एक्टिवेट कर दिया गया है।

कैंपियरगंज भेजी गई नाव

गंगा की सहायक नदियां, घाघरा, राप्ती, रोहिन सभी उफान पर हैं। इसकी वजह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जंगल कौडि़या और कैंपियरगंज में फ्लड पोस्ट और कंट्रोलरूम में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं इन इलाकों में प्रशासन ने नाव रवाना कर दी है। लगातार पानी बढ़ने की वजह से कई इलाकों पानी भी भरने लगा है। घाघरा डेंजर लेवल के ऊपर होने की वजह से राप्ती और रोहिन में बढ़त का सिलसिला जारी है।

रोहिन ने बदला रूप

पिछले दो दिनों से लगातार बढ़ रही रोहिन नदी ने रविवार को खतरे का निशान पार कर लिया। देर शाम तक वहां के आसपास के गांव में पानी का दबाव काफी बढ़ गया है। रोहिन नदी पर बना दुबाइन बंधा टूटता है तो पीपीगंज का आवागमन बाधित हो जाता है और गोरखपुर-सोनौली का कनेक्शन टूट जाता है। इसके लिए डीडीएमए की ओर से सभी कंट्रोल रूम में फोन कर करंट जानकारी हासिल की जा रही है। सभी को निर्देशित कर दिया गया है कि कहीं भी कोई दिक्कत हो तो फौरन ही पेरेंट कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दें, जिससे कि समय रहते इस भीषण आपदा से निपटा जा सके।

चौरीचौरा में भी हाई अलर्ट

नदियों का जलस्तर बढ़ने से चौरीचौरा में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। राप्ती नदी ने सभी जगह अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया है। चौरीचौरा के गोपालपुर के पास बंधों पर राप्ती का दबाव बढ़ गया है। गोपालपुर क्षेत्र के देईमाई स्थान पर अक्सर पानी का दबाव बढ़ने के बाद बंधा टूट जाता है, जिससे आसपास के दर्जनों गांव जलमग्न हो जाते हैं और किसानों की पचासों बीघा फसल डूब जाती है। वहीं गगहा के बगल से राप्ती नदी बहती है। यहां कोठा से असवनपार तक करीब 8-9 किमी एरिया संवेदनशील रहता है। 1998 में आई बाढ़ ने यहां काफी तांडव मचाया था।

दर्जनों गांव हुए जलमग्न

बड़हलगंज के कछार क्षेत्र के दर्जनों गांव तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कई गांव तो पानी से घिर गए हैं। वहीं घाघरा के पानी से पटना गांव के सामने रामजानकी मार्ग पर दबाव बढ़ गया है। राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से मैभरा, लखनौरी, लखनौरा, सूबेदारनगर, खोहिया, अगिलगौवा, बैरियाखास, बेसहनी, मरकड़ी, नचना, हिंगुहार गांवों की ओर पानी तेजी से बढ़ रहा है। घाघरा नदी से जैतपुर, गोरखपुरा, अजयपुरा, दिस्तौलिया, ज्ञानकोल, तालसोनबह, नई बस्ती, बगहा, बेलवा, बरडीहा, गोनघट आदि गांव पानी से घिर गए हैं। मुक्तिपथ पर शवदाह के सभी चबूतरे पानी में डूब गए हैं। वहीं जलस्तर में बढ़ोत्तरी के साथ कछारवासी दहशत में हैं। पीडि़त ग्रामीणों ने बाढ़ से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं कुछ ग्रामीण पलायन का भी मन बना रहे हैं। पटना गांव के सामने बड़हलगंज से पटनाघाट-रामजानकी मार्ग पर घाघरा नदी का दबाव बढ़ गया है। यदि जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी रही तो पानी सड़क पर चढ़ सकता है।

वर्जन

बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। सभी बाढ़ चौकियां और कंट्रोल रूम को एक्टिवेट किया जा चुका है। गोपालपुर से प्रशासन के पास कोई सूचना नहीं है। फिर भी एहतियात के तौर पर वहां के एसडीएम को निर्देशित कर दिया गया है।

- डॉ। चंद्र भूषण, एडीएम एफआर, प्रभारी बाढ़ राहत

रोहिन नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है। राप्ती भी लगातार बढ़ रही है। कंट्रोलरूम को एक्टिवेट कर सभी जगह से जानकारी हासिल की जा रही है। कैंपियरगंज और जंगलकौडि़या में हाईअलर्ट है। यहां पर प्रशासन की ओर से नाव पहुंचाने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं।

- गौतम गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर, डीडीएमए

नदी जगह करंट लेवल डेंजर लेवल

घाघरा एल्गिन ब्रिज 106.5 मीटर 106.0 मीटर

घाघरा तुर्तीपार 064.0 मीटर 064.2 मीटर

राप्ती बर्डघाट 073.7 मीटर 074.9 मीटर

रोहिन त्रिमुहानीघाट 082.6 मीटर 082.4 मीटर