-आग से कुछ दूरी पर ही रखे हुए थे 900 केजी क्लोरीन के दर्जनो सिलेंडर

KANPUR: फ्राईडे की दोपहर जलकल मुख्यालय बेनाझावर में झाडि़यों में आग लग गई। चन्द कदमों की दूरी पर स्थित क्लोरीन प्लांट तक अगर आग की लपटें पहुंच जाती है तो क्लोरीन का रिसाव हो जाता। जिसके चलते फिर न केवल आग बुझाना मुश्किल हो जाता बल्कि आसपास के लोगो के लिए बड़ा खतरा भी हो सकता था।

जेटिंग मशीन बनी दमकल गाडि़यां

दरअसल आग आकाशवाणी के पीछे की तरफ जलकल मुख्यालय में झाडि़यों में दोपहर में लगी थी। घास, झाडि़यां सूखी होने के कारण तेजी से आग फैलने लगी। ये देखकर आनन-फानन फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। आग से थोड़ी ही दूर पर क्लोरीन प्लांट है, जहां पर करीब 900 किलोग्राम वजन के ख्भ् क्लोरीन के सिलेंडर रखे हुए थे। इससे कुछ दूरी पर क्लोरीन के सिलेंडर रखे हुए थे। आग की जानकारी पाकर आनन-फानन दो दमकल गाडि़यों के साथ कर्नलगंज फायर स्टेशन के इम्प्लाई पहुंच गए। इस बीच जलकल इम्प्लाइज ने सीवेज जेटिंग मशीन से पानी डालकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। पास में वाटर टैंक होने के कारण फायर ब्रिगेड ने करीब फ्0 मिनट में आग पर काबू पा लिया। कर्नलगंज एफएसओ आरएस तिवारी ने बताया आग से थोड़ी ही दूर पर 900 केजी क्लोरीन के भरे हुए दो दर्जन से अधिक सिलेंडर रखे हुए थे। अगर आग की लपटें सिलेंडर तक पहुंच जाती तो उनके प्लास्टिक के नोजल गल जाते है। जिससे क्लोरीन का रिसाव होने लगता। इससे फिर वहां लोगों के लिए रूकना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि क्लोरीन रिसाव से सांस लेने में तकलीफ होती है और गला भी चोक कर जाता है।

पिछले साल भी लगी थी आग

करीब एक साल पहले भी जलकल मुख्यालय की झाडि़यों में आग लगी थी। इसके बावजूद भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। जबकि जलकल मुख्यालय से रोजाना ख्भ्9 एमएलडी पानी शहर भर में सप्लाई किया जाता है। फिर भी लापरवाही बरती जा रही है, जहां आग लगी वहां से कुछ ही दूर पर बाउन्ड्रीवाल टूटी हुई है। जिससे कोई भी आकर किसी भी प्रकार की हरकत कर किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। कर्नलगंज एफएसओ के मुताबिक जलकल अफसरों ने बताया कि किसी ने जली हुई बीड़ी-सिगरेट फेंकी है जिससे आग लगी है।