-रुड़की के बीएसएम कॉलेज में हिंदी दिवस पर आयोजित किया प्रोग्राम

-छात्रों ने आजीवन हिंदी के विकास व संव‌र्द्धन के लिए प्रत्यनशील रहने की ली शपथ

ROORKEE (JNN) : बीएसएम पीजी कॉलेज रुड़की में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि हिंदी की दुर्दशा के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। इस कारण हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। वक्ताओं ने अंग्रेजी की अपेक्षा हिंदी को तवज्जो दिये जाने का आह्वान किया।

अपने देश में दूसरे नंबर पर हिंदी

शनिवार को बीएसएम इंटर कॉलेज में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की उप-प्राचार्या व हिंदी विभागाध्यक्ष डा। कमलेश शर्मा ने कहा कि सरकार के दृढ़ता से हिंदी को मान्यता न दिये जाने के कारण भारत में हिंदी द्वितीय श्रेणी की बन गई है। हिंदी ही इकलौती भाषा है, जो बोली व लिखी जाती है। लेकिन सरकार इस ओर गंभीर नहीं है। डा। इंदू अरोड़ा ने कहा कि हिंदी व अंग्रेजी एक दूसरे की पूरक है। दोनों में विवाद नहीं समन्वय होना चाहिए। डा। अल्का तोमर ने कहा कि हिंदी में संप्रेक्षण आसान है। इसलिए हिंदी के काम काज की शैली को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। डा। सुनीता कुमारी ने हिंदी के दोहों को प्रस्तुत किया, जबकि डा। राजेश पालीवाल ने जनगीत द्वारा हिंदी का समर्थन किया। डा। अर्चना त्यागी, डा। एसके महला, मनोरमा शर्मा, डा। शिखा जैन, डा। रीमा सिन्हा, अमित कुमार आदि ने विचार व्यक्त किए। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने आजीवन हिंदी के विकास व संव‌र्द्धन के लिए प्रत्यनशील रहने की शपथ ली।