-एक क्लिक पर ध्वनि प्रदूषण माप कर दर्ज कर होगी कंप्लेंट

-पुलिस, अधिकारी के साथ जनता भी माप सकेगी ध्वनि प्रदूषण

-यूपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड जल्द लांच करेगा मोबाइल एप

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: हाईकोर्ट की ओर से ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के आदेश के बाद शासन प्रशासन के पास ध्वनि प्रदूषण को मापने की बड़ी चुनौती बनी हुई है। लेकिन अब यूपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (यूपी पीसीबी) ने इसका हल खोज लिया है। जल्द ही एक 'मोबाइल एप' लांच किया जाएगा जिससे कोई भी व्यक्ति एक क्लिक पर ध्वनि की तीव्रता रिकार्ड कर कंप्लेंट दर्ज करा सकेगा। उसकी शिकायत सीधे प्रशासन और पाल्यूशन बोर्ड से लेकर स्थानीय पुलिस तक पहुंचेगी। यूपी पीसीबी इस दिशा में तेजी से प्रयासरत है।

आईआईटी कानपुर बनाएगा एप

यूपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी आशीष तिवारी ने बताया कि ध्वनि की तीव्रता को मापने की बड़ी चुनौती है। अभी प्रदेश में सीमित संख्या में मशीनें है। प्रदेश भर के लिए मशीनें खरीदने के लिए बहुत अधिक बजट की जरूरत है, लेकिन मोबाइल का प्रयोग करके इस खर्च को बचाया जा सकता है। इसीलिए ध्वनि को मापने के लिए एक मोबाइल एप बनाने का प्रयास किया जा रहा है। आशीष तिवारी ने बताया कि कोर्ट की हियरिंग में भी मोबाइल एप के बारे में जानकारी दी गई थी।

इसी हफ्ते साइन होगा एमओयू

मेंबर सेक्रेटरी ने बताया कि मोबाइल एप डिजाइन करने के लिए आईआईटी कानपुर से बात चल रही है। अगले हफ्ते में ही आईआईटी कानपुर के साथ एमओयू साइन किया जाएगा। जिसके करीब डेढ़ से दो माह में मोबाइल एप तैयार हो जाएगा। जिसके बाद यह पब्लिक और सरकारी विभागों के लिए उपलब्ध होगा। रूल्स में पब्लिक द्वारा कंप्लेंट लॉज करने का भी प्रोविजन है। यह एप पब्लिक के लिए हथियार के रूप में काम आएगा।

पूरा देश कर सकेगा प्रयोग

पॉल्यूशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक मोबाइल एप आने से कोई भी व्यक्ति पूरे देश में कहीं भी बैठे हुए अपनी लोकेशन के पास अपने मोबाइल से ही ध्वनि प्रदूषण को मापकर उसकी कंप्लेंट दर्ज कर सकेगा। यह शिकायत तुरंत प्रशासन, पॉल्यूशन बोर्ड और स्थानीय पुलिस के पास मोबाइल पर पहुंचेगी जिससे वे तुरंत कार्रवाई करेंगे। यानी यह मोबाइल एप लांच होने के बाद न पुलिस को कॉल करने की जरुरत होगी न प्रशासन को। बस एक क्लिक पर सहायता उपलब्ध होगी।

अभी चार जिलों के बीच एक मशीन

राजधानी लखनऊ में ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए वर्तमान में सिर्फ यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल आफिस के पास एक ही मशीन है। यह विभाग ही सभी प्रकार के प्रदूषण को अब तक मापने का काम करता है। जिला प्रशासन को कहीं पर कार्रवाई करनी होती है तो इस विभाग के अधिकारियों को ही प्रदूषण मापने के लिए भेजा जाता है। विभाग के रीजनल ऑफिस के पास सिर्फ एक ही साउंड लेवल मॉनीटर मशीन है। जिससे एक समय में एक ही स्थान पर जांच हो पाती है। इसके लिए विभाग में दो-दो वैज्ञानिक सहायक भी हैं, लेकिन इस एक मशीन पर लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर और लखीमपुर खीरी में हो रहे ध्वनि प्रदूषण को मापने की जिम्मेदारी है। राजधानी लखनऊ में ही रोजाना दो हजार से अधिक लोगों को बैंड बाजा, डीजे आदि के लिए परमीशन दी जाती है। जिसमें प्रशासन की प्राथमिकता उसे रात 10 बजे तक बंद कराने पर रहती है। वह भी किसी की शिकायत मिलने पर। बिना शिकायत वह भी बजता रहता है।

ध्वनि के स्तर को मापने के लिए मोबाइल एप बनाने का प्रयास किया जा है। इसके लिए आईआईटी कानपुर के साथ जल्द एमओयू साइन किया जाएगा। करीब दो माह बाद पब्लिक की सुविधा के लिए यह एप उपलब्ध होगा।

आशीष तिवारी, मेंबर सेक्रेटरी, यूपीपीसीबी