- 32.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है देहरादून का टैंप्रेचर

- पिछले चार-पांच दिनों से तापमान में रोज हो रहा इजाफा

- सामान्य से 4 से 7 डिग्री ज्यादा बताया जा रहा तापमान

DEHRADUN: दून में मौसम का पारा रोज चढ़ रहा है, पारे का ये उछाल अभी जारी रहेगा, इस बात के संकेत मौसम विज्ञान केंद्र ने दिए हैं। मौसम को लेकर पूर्वानुमान है कि अगले पांच दिनों में मैक्सिमम टैंप्रेचर चार से पांच डिग्री तक उछल सकता है। इस समय दून का मैक्सिमम टैंप्रेचर करीब फ्फ् डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

लगातार उछल रहा पारा

पिछले चार-पांच दिनों में तापमान में आश्चर्यजनकर रूप से तपिश बढ़ी है। मौसम के कई मिजाज इस दौरान देखने को मिले हैं, राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बर्फबारी का दौर भी इस बीच देखने को मिला तो मैदानी इलाकों में तापमान ने जबरदस्त उछाल भी मारी। बीते मंगलवार को दून का तापमान अचानक उछला और फ्0 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। इसके बाद करीब हर रोज पारे के उछाल में इजाफा हो रहा है। हालांकि, गुरुवार और फिर शुक्रवार को राज्य के पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फबारी देखने को मिली। इसके चलते शनिवार को पारा कुछ हद तक स्थिर रहा। हालांकि अभी भी तापमान सामान्य से ब् से लेकर 7 डिग्री तक ज्यादा बताया जा रहा है। शनिवार को दून का तापमान करीब फ्फ् डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

और बढ़ेगा तापमान

देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह बताते हैं कि पारे में अभी और उछाल आएगा। उन्होंने बताया कि आज से तापमान में इजाफा होगा और फ्0 मार्च तक तापमान फ्7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। इधर पहाड़ी इलाकों में भी तापमान बढ़ने के आसार बताए गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि पर्वतीय इलाकों में ख्9-फ्0 मार्च तक तापमान ख्8-ख्9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

बरतें एहतियात

मौसम में अचानक आई तब्दीली और बढ़ते तापमान को लेकर एहतियात बरते जाने की जरूरत है। खासतौर से मौसमी बीमारियों का गर्मी बढ़ने के साथ ज्यादा खतरा होता है। कई तरह की बीमारियां जैसे डिहाइड्रेशन, जल जनित रोग, वायरल और आंखो में इन्फेक्शन के खतरे होते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञ ऐसे में सतर्क रहने की बात कह रहे हैं।

वनाग्नि का बढ़ा खतरा

पारे के चढ़ने के कारण सबसे ज्यादा खतरा वनाग्नि को लेकर है। तापमान बढ़ने के चलते वनों की नमी सूखने लगी है, ऐसे में वनाग्नि के मामले बढ़ सकते हैं। तापमान में इजाफा सामान्य से ज्यादा बताया जा रहा है जो वनों के लिए खतरा हो सकता है।