पेंशन की प्रोसेस को सरल बनाने के लिए एनआईसी की हेल्प से सेना में लगा कैंप

जीवन प्रमाण वेबसाइट पर अपलोड हो जाएगा सर्टिफिकेट

BAREILLY: बरेली में रिटायर्ड सैनिकों को पेंशन के लिए अब ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। सेंट्रल गवर्नमेंट के प्लान के तहत रिटायर्ड सैनिकों के डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। यह सर्टिफिकेट आधार कार्ड बायोमैट्रिक अंथेटिकेशन पर बेस होंगे। इसके जरिए सैनिकों को अपनी पेंशन ब्रांच या बैंक की ब्रांच में हर साल सिर्फ एसएमएस या मेल के जरिए अपने लाइफ सर्टिफिकेट का लिंक भेजकर अपने जिंदा होने का सुबूत दे सकेंगे। उनका सर्टिफिकेट गवर्नमेंट आफ इंडिया के जीवन प्रमाण की वेबसाइट से भी बैंक सर्च कर सकेंगे। बरेली में एनआईसी की हेल्प से सेना में एक कैंप आफिस बना दिया गया। इसके साथ ही आधार कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। इस कैंप में रोजाना रिटायर्ड सैनिकों के डिजिटल सर्टिफिकेट बनाकर दिए जा रहे हैं।

मैनुअली होती है काफी प्रॉब्लम

किसी भी पेंशनर्स को प्रत्येक वर्ष नवंबर में पेंशन ब्रांच में जाना होता है। इसके लिए पेशनर्स को प्रत्येक वर्ष अपने जिंदा होने का सर्टिफिकेट भी देना होता है। इस प्रोसेस को फालो करने के बाद ही उसके एकाउंट में पेंशन आती है। यदि वह किसी कारण से नहीं पहुंच पाता है तो उसकी पेंशन भी रुक जाती है। कई बार इसके बदले में बाबू लोग बड़ा खेल भी करते हैं और सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर पैसे भी ऐंठ लेते हैं। सेंट्रल गर्वनमेंट के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए सेंट्रल गर्वनमेंट ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने का आदेश जारी किया था। इस संबंध में रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा भी सभी बैंक को सेंट्रल पेंशन एकाउंटिंग आफिस, मिनिस्ट्री आफ फाइनेंस के द्वारा जारी सर्कुलर के तहत दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

आधार कार्ड से किया जा रहा लिंक

बरेली में एनआईसी की हेल्प से सेना में इस स्कीम को लागू कर दिया गया है। इसके तहत रिटायर्ड सैनिकों के डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। यह सर्टिफिकेट बॉयोमैट्रिक सिस्टम के तहत थंब इंप्रेशन और फोटो लिए जा रहे हैं। सभी पेंशनर्स का सर्टिफिकेट आधार कार्ड से भी लिंक किया जा रहा है। जिन पेंशनर्स के आधार कार्ड नहीं हैं, उनके तुंरत आधार कार्ड भी अलग कैंप में बनाए जा रहे हैं। ये सभी सर्टिफिकेट जीवन प्रमाण वेबसाइट पर भी लोड किए जा रहे हैं। बरेली में सेना में करीब क्0 हजार रिटायर्ड सैनिक हैं। इसके अलावा भी हर साल सैकड़ों सैनिक रिटायर्ड हो जा रहे हैं।

रिटायर्ड सैनिकों की पेंशन के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। सेना में एक कैंप लगाया गया है। सर्टिफिकेट को आधार कार्ड से भी लिंक किया जा रहा है।

मनोज शर्मा, प्रिंसिपल सांइटिस्ट एनआईसी बरेली