निराशा

- फिलहाल जिले के पुलिसकर्मियों को नहीं मिलेगा वीकली ऑफ योजना का लाभ

- भविष्य में हो सकता है लागू, अधिकारियों को इस बाबत जानकारी नहीं

Meerut: पुलिसकर्मियों के लिए वीकली ऑफ देने की शासन की महत्वाकांक्षी योजना का फिलहाल जिले के पुसिकर्मियों को नहीं मिलेगा। शासन की इस योजना में मेरठ जिले को शामिल नहीं किया जाएगा। जब से शासन ने पुसिकर्मियों को वीकली ऑफ प्रोवाइड करने की घोषणा की थी तभी से जिले के पुलिसकर्मियों में उत्सुकता पैदा हो गई थी, लेकिन जब से उन्हें यह पता चला कि जिले में फिलहाल इस योजना को लागू करने की बाबत शासन से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, तब से उनके हाथ मायूसी लगी है। इस योजना के संबंध में कोई भी पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

एक मई से मिलना था वीकली ऑफ

शासन के आदेश के अनुसार एक मई से पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ मिलने वाला था। इस बाबत शासन ने करीब दो महीने ही घोषणा कर पुलिसकर्मियों के मन में उत्सुकता पैदा कर दी थी। तभी से पुलिसकर्मी इस योजना के लागू होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें यह पता चला है कि इस योजना में मेरठ जिले को शामिल नहीं किया गया है। विभाग के अनुसार ट्रायल के तौर पर प्रदेश के कुछ ही जिलों में इस योजना को शुरू किया जा रहा है। सफल होने पर इसे धीरे-धीरे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई भी दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। न ही यह बताया गया है कि भविष्य में यदि लागू हुआ तो इसका प्रोफार्मा क्या होगा।

सर्विस रूल में नहीं है वीकली ऑफ

पुलिस सेवा के सर्विस रूल में पुलिसकर्मियों के लिए कोई भी वीकली ऑफ निर्धारित नहीं है। हालांकि संडे और सार्वजनिक अवकाश पर अधिकारी जरूर अपने ऑफिस में नहीं बैठते। उस दिन वे थोड़े आराम मूड में होते हैं, लेकिन अपने कैंप ऑफिस में समय जरूर देते हैं, लेकिन थाने के पुलिसकर्मी 24 घंटे सेवा में तैनात होते हैं, जिस वजह से इनपर काफी प्रेशर होता है और इनकी परफॉर्मेस भी काफी लो हो जाती है। इसी वजह से पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ प्रोवाइड करने की बात उठी थी, जिसे लेकर शासन ने हरी झंडी देते हुए इसे ट्रायल के रूप में शुरू करने की कवायद की है।

लखनऊ से शुरू हुई थी कवायद

यह योजना दो साल पहले लखनऊ में शुरु की गयी थी, इसके लिए तहत गोमती नगर के थाने पर तत्कालीन डीआईजी नवनीत सिकेरा ने इसे शुरु किया था। हालांकि उस वक्त इस योजना के विस्तार को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। आगरा और वाराणसी में इस योजना का ट्रायल शुरू हो चुका है।