ये है वो गांव

यहां बात हो रही है गुजरात के एक गांव की। नहीं-नहीं यहां भीड़ न होने का कारण पीएम मोदी का होम टाउन होना नहीं है। बल्कि इसके पीछे का राज जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि ऐसा भी है। दरअसल इस गांव की कुल आबादी 11000 लोगों की है। इस आबादी पर यहां 13 बैंक दिए गए हैं। इसके अलावा दूसरी बड़ी बात ये है कि इस गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग एनआरआई हैं।

इसलिए हुआ ऐसा

एनआरआई होने के कारण आम तौर पर यहां लोग आते-जाते रहते हैं। आने-जाने वाले इन लोगों की संख्या करीब 1500 से 2000 तक है। सिर्फ यही नहीं ये सभी लोग पैसों के लेन-देन के लिए प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल करते हैं। इनका ज्यादातर काम क्रेडिट और डेबिट कार्ड से होता है। इसके रहते इन लोगों को जरूरत ही नहीं पड़ती कैश को अपनी जेब में रखने की।

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औरों को भी देते हैं सलाह

गांव के लोग खुद तो पैसों के लेनदेन के लिए प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल करते ही हैं, साथ ही और लोगों को भी ऐसा ही करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि उनके हाथों में ज्यादा कैश नहीं होता, इसलिए वो इतना परेशान ही नहीं है। वो प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल करते हैं, तो वो फ्री ही हैं। फिर चाहें सरकार 500, 1000 के नोट बंद करे या कोई और। उन्हें फर्क नहीं पड़ता।  

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