PATNA: बिहार में लगातार घटते वेटलैंड्स आने वाले समय में गंभीर जलसंकट की ओर इशारा कर रहे हैं। एक वक्त था जब नॉर्थ बिहार और पटना समेत बिहार के अधिकांश जिलों में पर्याप्त संख्या में कुएं, तालाब, आहर थे। लेकिन इन वेटलैंड्स को वेस्टलैंड समझ लिया गया। नतीजा ये हुआ कि धीरे-धीरे ये वेटलैंड सिमटते गए और अब पटना समेत बिहार के अधिकांश जिले पानी की समस्या झेल रहे हैं। पटना की स्थिति तो पुनपुन पर बांध बनने के बाद ज्यादा खराब हो गई। ये कहना है डॉलफिनमैन पद्मश्री आर के सिन्हा का। वे वेटलैंड्स की पहचान और संरक्षण के तरीकों पर पटना में आयोजित परिचर्चा में भाग ले रहे थे। दो दिवसीय इस अहम बैठक के पहले दिन इसमें विकास की वजह से वेटलैंड्स पर मंडराते संकट और उनके समाधान पर चर्चा हुई। पर्यावरण और वेटलैंड कंजरवेशन से जुड़े जाने-माने वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् इसमें शिरकत कर रहे हैं।

बैठक में इसरो, व‌र्ल्ड बैंक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया,आईआईटी कानपुर, यूनिसेफ, डब्ल्यू डब्ल्यू एफ, वेटलैंड्स इंटरनेशनल, आईसीएआर, नालंदा यूनिवर्सिटी राजगीर, आद्री, डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी , एनआईटी पटना आदि जाने-माने संस्थानों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।