मंहगी कॉस्ट्यूम:
यह बात तो सच है कि बॉलीवुड फिल्मों में कॉस्ट्यूम काफी महंगी-मंहगी इस्तेमाल होती है। जिससे इन पर काफी खर्चा भी होता है। इसमें लीड एक्टर एक्ट्रेस के साथ पीछे डांस करने वाले कालाकारों की भी कॉस्ट्यूम शामिल होती है। इनकी भी कॉस्ट्यूम का फिल्म में अहम रोल होता है। ऐसे में अक्सर लोग ये सोचते हैं कि आखिर इतनी सारी एक जैसी कॉस्ट्यूम का क्या होता है। तो हम बतादें कि प्रोडक्शन हाउस इन कॉस्ट्यूम को अलग-अलग तरीकों से अपनी दूसरी छोटी व कम बजट वाली फिल्मों में यूज करते हैं।

पेटी में होती पैक:
एक सामान्य भाषा में पेटी का इस्तेमाल किसी खास सामान को रखने में किया जाता है। जिसमें सब्जी व फल के मामले में अधिक होता है, लेकिन बॉलीवुड में पेटी का इस्तेमाल कॉस्ट्यूम रखने के लिए होता है। यहां पर फिल्म की शूटिंग के बाद प्रोडक्शन हाउस उस फिल्म में पहने गए हर एक कॉस्ट्यूम को काफी सहेज कर पेटी में लॉक कर देता है। प्रोडक्शन हाउस अपनी हर एक फिल्म की कॉस्ट्यूम को पैक कर उसमें फिल्म का नाम, कॉस्ट्यूम का नाम आदि मेंशन कर भविष्य के लिए रख देता है।

सोचा है कहां जाती आपके फेवरेट बॉलीवुड स्‍टार की कॉस्‍ट्यूम फिल्‍म बनने के बाद

रीसाइकिल सिस्टम:
वहीं बॉलीवुड में कॉस्ट्यूम रीसाइकिल सिस्टम को लेकर कॉस्ट्यूम डिजाइनर नवीन शेट्टी का कहना है कि उन्होंने कई जंजीर, हिम्मतवाला और अग्िनपथ जैसी कई फिल्मों कॉस्ट्यूम डिजाइन किया है। जिसमें अजय देवगन की फिल्में अधिक है। उनके मुताबिक डिजाइनर के लिए रीयूज थेवरी मायने नहीं रखती है। उसके लिए हर फिल्म नई होती है। वह जल्द आई हुई किसी फिल्म की कॉस्ट्यूम को नहीं रिसाइकिल करते। फिल्म में पहले एक्टर्स के कैरेक्टर को समझने के बाद उनकी कॉस्ट्यूम तैयार होती है।

कॉस्ट्यूम का रीयूज:
सामान्य तौर पर लोग हर ओकेजन के लिए नया कॉस्ट्यूम तलाशते हैं लेकिन बॉलीवुड में ऐसा नहीं है। यहां पर प्रोडक्शन हाउस अपनी कॉस्ट्यूम को दोबारा इस्तेमाल करने में नहीं हिचकिचाता है। लंबे समय के बाद दो-तीन फिल्मों की कॉस्ट्यूम को मिलाकर अपनी नई फिल्म में उसे नया रूप दे देताहै। जैसे 2005 में फिल्म बंटी बबली के कजरारे आइटम नंबर में जो कॉस्ट्यूम पहने गए थे वहीं 2010 में बैंड बाजा बारात के बैंकग्राउंड में पहने गए थे। इसमें चोली घाघरा मिक्स्ड मैच था।

सोचा है कहां जाती आपके फेवरेट बॉलीवुड स्‍टार की कॉस्‍ट्यूम फिल्‍म बनने के बाद

परमिट से कॉस्ट्यूम:

अक्सर लोग यह भी सोचते हैं कि जो एक्टर एक्ट्रेस फिल्मों में ड्रेस पहनते हैं वह उनको मिल जाती है। हां ऐसा होता भी है कि लेकिन इसके लिए प्रोडक्शन मैनेजर की परमीशन जरूरी होती है। जब पेटी पैक होती है तब एक्टर एक्ट्रेस अपनी पसंद की ड्रेस ले सकते हैं लेकिन उन्हें फिल्म रिलीज होने से पहले नहीं पहनना होता है। वहीं कई बार लीड एक्टर्स अपने रोल को दमदार बनाने के लिए अपनी पर्सनल ड्रेस का भी इस्तेमाल परमीशन पर करते हैं, लेकिन फिर उसे पब्िलकली नहीं पहन सकते हैं।  

कॉस्ट्यूम की नीलामी:
अक्सर बड़ी फिल्मों में लीड एक्टर एक्ट्रेस की पहनी ड्रेस को गरीबों व जरूरत मंद लोगों की मदद के लिए नीलाम भी कर दिया जाता है। रजनीकांत ओर ऐश्वर्या राय अभिनीत फिल्म रोबोट इसका एक बड़ा उदाहरण है। इसमें इन्होंने काफी महंगे कॉस्ट्यूम पहने थे। इसके बाद इनके पहने कॉस्ट्यूम ऑनलाइन नीलाम किए गए। इसका पैसा एक एनजीओ को दिया गया था। इसकी काफी सराहना भी हुई। इसके अलावा बॉलीवुड में भी कई फिल्मों के कॉस्ट्यूम अब तक लोगों की मदद के लिए नीलाम हो चुके हैं।

सोचा है कहां जाती आपके फेवरेट बॉलीवुड स्‍टार की कॉस्‍ट्यूम फिल्‍म बनने के बाद

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

 

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk