-बाथरूम और खिड़की के पास मिले नकल होने के सबूत

क्कन्ञ्जहृन्: नकल को रोकने के लिए बिहार बोर्ड का तुगलकी फरमान पूरे देश में चर्चा में है। जूता पहनकर आने वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। बोर्ड का दावा है कि इस एक्शन से नकल खत्म हो गई है। लेकिन, आज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आपके सामने खुलासा करने जा रहा है कि सरकार के सारे जतन नकलचियों ने फेल कर दिए है। धड़ल्ले से नकल चल रही है। आज हम आपको सबूत के साथ नकल के खेल का पर्दाफाश करेंगे।

एएन कॉलेज में मैट्रिक एग्जाम का सेंटर है। सैकड़ों स्टूडेंट्स गुरुवार को यहां साइंस का एग्जाम देने आए। एग्जाम के समय हमारी टीम को अंदर जाने नहीं दिया गया, लेकिन एग्जाम खत्म होते ही जैसे टीम ने स्कूल के अंदर प्रवेश किया तो चारों तरफ साइंस के पुर्चे मिले। बाथरूम से लेकर खिड़की के किनारों तक पर नकल के सबूत बिखरे पड़े थे।

मिल रहे सवालों के सटीक जवाब

बाथरूम में पड़े इस पर्चे और एग्जाम में आए सवाल को मिलाया तो एक सवाल का सटीक जवाब भी इस पुर्चे में मिल गया। बाथरूम में ऐसे पुर्चे चारों तरफ बिखरे पड़े थे। सफाई कर्मी ने बताया यहां तो हर दिन यही हाल है।

नकल की फिर चिट बाहर फेंक दी

स्कूल के हर खिड़की के पास कई गाइडों के फटे हुए पर्चे मिले। जिसे देखकर साफ जाहिर हो रहा था कि इन्हें नकल करने के बाद खिड़की से बाहर फेंक दिया गया है। ऐसे में चेंकिंग पर ही सवाल खड़ा हो रहा है।

परीक्षा के दौरान सभी सेंटरों पर स्टूडेंट्स की तलाशी ली जाती है। इसके अलावा एएन कॉलेज पर उड़न दस्ते की टीम दो बार गई थी। नकल की कोई संभावना हो ही नहीं सकती है।

-राजीव द्विवेदी, पीआरओ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति