क्या होती है वारंटी

बात अगर वारंटी की करें तो आप इसे लिखित तौर पर दी गई गारंटी कह सकते हैं। यह विक्रेता की ओर से किसी भी सामान पर दी जाने वह छूट होती है जिसमें आप खीरीदे हुए सामान को बदल और रिपेयर करा सकते हैं। यह एक समय तक ही निश्चित होती है। वारंटी को आप एक्स्ट्रा रुपये देकर बढ़वा भी सकते हैं। वारंटी विक्रेता की ओर से दिया गया एक लीगल डॉक्यूमेंट होता है। आसान शब्दों मे कहें तो यह कंपनी की ओर से ग्राहक को किया गया एक वादा होता है जिसमे अगर खरीदा हुआ सामान ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे रिपेयर और बदला जा सकता है।

वारंटी से बेहतर नहीं होती गारंटी,जानिए दोनो में अंतर

क्या होती है गारंटी

गारंटी भी वारंटी की तरह ही होती है पर यह कंपनी या बेचने वाले के द्वारा फ्री में दी जाती है। आप इसे रुपये देकर बढ़वा नहीं सकते हैं। यह कंपनी या सामान बेचने वाले की ओर से किया गया प्रॉमिस होता है जिसमें वह आपको बेहतर सामान देने का वादा करता है। गांरटी का नाम सुन कर ज्यादातर ग्राहकों की आंखों में चमक आ जाती है। गांरटी में अगर प्रोडेक्ट ठीक से काम नहीं करता है तो बेचने वाले की उसके लिए जबावदेही होती है। वारंटी को लीगल डॉक्यूमेंट की तरह कहीं भी प्रयोग किया जा सकता है। जबकि गारंटी के साथ ऐसा नही है।

वारंटी से बेहतर नहीं होती गारंटी,जानिए दोनो में अंतर

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