PATNA (18 Jan): पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि दीघा रेल ट्रैक को हटाकर फोर लेन बनाने में आखिर कौन सी ऐसी अड़चन आ रही है? इस मामले में हाईकोर्ट ने स्टेशन से लेकर दीघाघाट के बीच रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण के संबंध में पटना के डीएम और एसएसपी से एक माह के अंदर रिपोर्ट तलब की है। डीएम और एसएसपी को इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट को एक माह में उपल?ध कराना है। पटना दीघा रेलवे लाइन मामले में न्यायाधीश डा। रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ स्वत: कार्यवाही कर रही है।

परिचालन बंद से क्या दिक्कत

हाईकोर्ट ने न्यायालय में उपस्थित पदाधिकारियों से यह भी पूछा कि क्या रेल परिचालन को पूरी तरह से बंद करा देने का कोई लाभ होगा? गुरुवार को पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, दानापुर पूर्व सेन्ट्रल रेलवे के डीआरएम रंजन प्रकाश ठाकुर, डीएम कुमार रवि एवं वरीय आरक्षी अधीक्षक मनु महाराज कोर्ट में उपस्थित थे और अदालत उनसे सवाल कर रहा था। अधिकारियों से पूछा गया कि रेलवे ट्रैक को हटाकर फोर लेन बनाने में कैसी अड़चन आ रही है?

बढ़ जाएगा अतिक्रमण

जब अदालत ने डीआरएम से पूछा कि घाटे में चलाई जा रही ट्रेन को क्यों नहीं बंद कर दिया जाता? इस पर डीआरएम ने कहा कि ट्रेन को एकदम से बंद कर देने से रेलवे की जमीन पर पूरा अतिक्रमण हो जाएगा। सुनवाई में कहा गया कि पटना स्टेशन से लेकर दानापुर घाट तक रेलवे की कुल 71.25 एकड़ जमीन है।

राज्य सरकार भी है इच्छुक

राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने कहा कि रेलवे लाइन की जगह फोर लेन सड़क बन जाने से यातायात सुधर जाएगा, लेकिन रेलवे द्वारा मांगी जा रही राशि अधिक है। इस पर अदालत ने कहा कि यह पब्लिक कॉज का मामला है। आप सब से बात नहीं बनी तो हाईकोर्ट को रिट जारी करनी पड़ेगी। यदि सरकार चाहे तो यहां मेट्रो रेल चलाने की बात भी सोची जा सकती है।