रबिंद्र नाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद के स्टेट वेस्ट बंगाल में लोग इस समय काफी परेशान हैं. वो परेशान हैं क्योंकि उन्हें नहीं मालूम कि अगले कुछ दिनों में उनके स्टेट को वेस्ट बंगाल के नाम से जाना जाएगा या फिर इसे कोई और नया नाम दे दिया जाएगा. हाल ही में स्टेट की पहली महिला सीएम ममता बनर्जी ने यहां पर बदलाव लाने के मकसद से इस स्टेट के लिए नए नाम का सुझाव रखा है. अब लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर दीदी ने जो नाम सुझाए हैं उनमें से कोई उनके स्टेट का नया नाम होगा या फिर ये आगे भी वेस्ट बंगाल के नाम से ही जाना जाएगा.

क्या होगा नया नाम

वेस्ट बंगाल के नए नाम के तौर पर ममता बनर्जी ने तीन नए नाम ‘बोंगो,’ ‘बांग्ला,’ ‘बोंगोदेश,’ ऑप्शन के तौर पर रखे हैं. जहां बंगाल में इन नामों को लेकर लोगों में मतभेद हैं तो वहीं सरकार ने स्टेट का नाम बदलने के पीछे तर्क भी दिया है. स्टेट कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर प्रार्था चटर्जी के मुताबिक इस स्टेट का नाम वेस्ट बंगाल से बदलकर अब कुछ और रखने की जरूरत है. प्रार्था कहते हैं क्योंकि उनके स्टेट का नाम वेस्ट बंगाल है इसलिए अल्फाबेटिकल ऑडर्स में उनके स्टेट का नंबर सबसे आखिरी होता है. ऐसे में किसी भी कांफ्रेस सा समिट में इस स्टेट के रिप्रजेनटेटिव्स को सबसे आखिर में अपने विचार रखने का मौका मिल पाता है. तब उन्हें सुनने वालों की संख्या काफी कम होती है. यह प्रॉब्लम दूर करने के लिए ही ममता ने इसका नाम वेस्ट बंगाल के बजाए कुछ और रखने के बारे में सुझाव दिया है.

दीदी ने दी जिम्मेदारी

बंगाल का नया नाम क्या हो इस बारे में स्टेट की दूसरी पॉलिटिकल पार्टीज, एसेंबली मेंबर्स और एक्सपट्र्स से रायशुमारी करने का जिम्मा भी दीदी ने सौंप दिया है. चीफ सेक्रेट्री समर घोष सीएम के सुझाव के बारे में लोगों से चर्चा करेंगे. कम्युनिस्ट्स ने इस सुझाव पर ममता बनर्जी को अपना सपोर्ट दिया है.

ये नाम ठीक रहेगा

शंखा ने स्टेट का नया नाम ‘बंगला’ सुझाया है जो उन्होंने रबिंद्र नाथ टैगोर की कविता ‘बंग्लार माटी, बंग्लार जेल’ को ध्यान में रखकर दिया है.

पीसी सरकार ने कहा, नया नाम ‘बी’ से शुरू हो.

मशहूर बांग्ला लेखक श्रीशेन्दु मुखोपाध्याय के मुताबिक वेस्ट बंगाल का नया नाम ‘बोंगो’ होना चाहिए.

मत बदलो इसका नाम

अगर शंखा स्टेट का नाम बदलने के सुझाव का समर्थन करती हैं तो वहीं एक और मशहूर बंगाली लेखक अतींद्र बंधोपाध्याय को यह ठीक नहीं लगता. अतींद्र के मुताबिक ईस्ट और वेस्ट बंगाल दोनों ही बंटवारे के बाद सामने आए थे. ईस्ट बंगाल, बंग्लादेश हो गया तो वहीं अब वेस्ट बंगाल यह बताता है कि बंगाल बंट चुका है. टैगोर समर्थक द्विवजन मुखर्जी के मुताबिक स्टेट का नाम वेस्ट बंगाल ही बेहतर है. अगर इसका नया नाम ‘बोंगोदेश’ होगा तो लोगों में मैसेज जाएगा कि हम नाम बदलने के लिए बंग्लादेश की नकल कर रहे हैं.

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