उम्र घटाने का विचार नहीं
कल व्हाट्सएप्प पर मैसेज फारवर्ड होने लगा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से घटाकर 58 साल की जा रही है. इस मैसेज को पढ़कर कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शॉक्ड हो गए. काफी तेजी से फैले इस मैसेज को लेकर इतनी चर्चा हुई कि कल संसद में वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा कोई विचार नहीं है. इसमें कार्मिक मंत्रालय के संसद में दिए गए एक जवाब का उल्लेख था जिसमें कहा गया था कि सरकार फरवरी-मार्च में एक विधेयक लाएगी जिससे रिटायरमेंट की उम्र घटाकर 58 साल कर दी जाएगी. उनके बाद कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी संसद में इसका खंडन किया कि रिटायरमेंट की उम्र घटाने का कोई इरादा नहीं है.

जानबूझकर किया गया
सरकार की ओर से संसद में वैंकेया नायडू और जितेंद्र सिंह के जवाब देने के बाद भी सरकार ने सूचना के दूसरे माध्यमो से इसे लोगों तक पहुंचाया. सरकार की ओर से दूरदर्शन पर भी इसे बताया गया और शाम को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी इसका खंडन करते हुए प्रेस रिलीज भेजे. हालांकि अब सरकार इस पूरे मामले की खोज कर रही है. वह जांच कराने जा रही है कि इस मैसेज को भेजने के पीछे किन लोगों का हाथ हैं और इसे भेजने की शुरुआत सबसे पहले कहां से हुई थी. सरकार को शक है कि उसे बदनाम करने के लिए इस तरह का मैसेज फारवर्ड किया गया है ताकि लोग सरकार का विरोध करें.

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