- फ्राईडे गंभीर हालत में आईडीएच पहुंचा स्वाइन फ्लू का संदिग्ध मरीज इलाज के लिए घंटो इंतजार करता रहा

- न डॉक्टर ड्यूटी पर थे न तो स्टाफ, सीएमएस को फोन करने पर भी नहीं हुई सुनवाई

- अव्यवस्थाओं से परेशान होकर आईडीएच से पहले भी भाग चुके हैं स्वाइन फ्लू के कई मरीज

KANPUR: स्वाइन फ्लू शहर में कई जानें ले चुका है। इसके बाद भी हैलट के आईडीएच में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में पेशेंट्स इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और जिम्मेदार डॉक्टर्स और स्टाफ ड्यूटी छोड़कर गायब हैं। पेशेंट्स को कोई यह बताने वाला तक नहीं है कि ड्यूटी किस डॉक्टर की है और वह कहां है? इस तरह के हालात स्वाइन फ्लू के कई पेशेंट्स यहां से भाग चुके हैं। आम मरीजों को यहां इलाज मिल पाना किसी जंग से कम नहीं है। शुक्रवार को गंभीर हालत में आईडीएच पहुंचा स्वाइन फ्लू का संदिग्ध मरीज फिर इन्हीं दुश्वारियों से जूझता रहा। उसे देखने वाला कोई नहीं था। डॉक्टर से लेकर सीएमएस तक से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

हैलट से आईडीएच भेजा था

कल्याणपुर के राजीव नगर निवासी रंजीत सिंह के बेटे जीतेंद्र(24) को कई दिनों से बुखार आ रहा था। पिता के मुताबिक फ्राईडे को उन्हें हैलट ओपीडी में डॉ। सौरभ अग्रवाल को दिखाया जिसके बाद डॉक्टर ने स्वाइन फ्लू की आशंका पर जीतेंद्र को आईडीएच ले जाने के लिए कहा। यहां वह 3.30 बजे के करीब पहुंचा तो वहां सन्नाटा पसरा था।

ओपीडी में सन्नाटा वार्ड बंद

रंजीत के मुताबिक, वह जब आईडीएच पहुंचे तो ओपीडी में कोई नहीं था। आइसोलेशन वार्ड पहुंचे लेकिन वहां भी दरवाजे पर कुंडी लगी थी। आईसोलेशन वार्ड में डॉक्टर्स की ड्यूटी और उनके नंबर की जानकारी दीवार पर चिपकाई गई थी। उसे देख जब रेजीडेंट डॉ। कौशलेंद्र को फोन किया तो आरोप है कि डॉ। कौशलेंद्र ने उनकी ड्यूटी होने से इंकार किया और फोन काट दिया।

फोन उठाया फिर ब्लैक लिस्ट किया

रंजीत को आईडीएच पहुंचे एक घंटे हो गए थे लेकिन उसका इलाज नहीं शुरू हुआ था। उसके पिता ने जब सीएमएस डॉ। अनूप शुक्ला को फोन मिलाया तो फोन उठाते ही उन्होंने इंतजाम करने की बात कही लेकिन बाद में तीमारदार का नंबर की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। दो घंटे तक रंजीत बिना इलाज के ही पड़ा रहा। बाद में परिजनों ने हैलट में शिकायत की तो एक डॉक्टर वहां पहुंचे शाम 5 बजे के करीब उसे भर्ती किया गया जिसके बाद उसका इलाज श्ाुरू हुआ।

कोट-

स्वाइन फ्लू की एक मरीज भर्ती थी जिसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया। शाम को एक मरीज आया था। फोन पर सूचना मिलते ही डॉक्टर को भेज कर इलाज शुरू करा दिया गया।

- डॉ। अनूप शुक्ला, सीएमएस, आईडीएच