ये लोग न होते,तो भारत को नहीं मिल पाते धोनी और विराट जैसे स्‍टार बल्‍लेबाज
1. सचिन तेंदलुकर :
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को किसी पहचान की जरूरत नहीं। सचिन वो नाम है जो आज हर एक युवा क्रिकेटर के आदर्श हैं। क्या आपको पता है सचिन को 'द ग्रेट सचिन' बनाने वाले कोई और नहीं लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर हैं। जी हां गावस्कर ने खुद यह बात कही। वह कहते हैं कि उन्होंने सचिन को जब पहली बार देखा था। तो एक छोटा लड़का मिड-विकेट पर धड़ाधड़ शॉट लगा रहा था। बस गावस्कर को उसी दिन आभास हो गया था यह लड़का एक दिन क्रिकेट की दुनिया का बादशाह बनेगा। इसके बाद गावस्कर ने सचिन को बैटिंग का हुनर सिखाया और आज सचिन के वो सारे रिकॉर्ड हमारे सामने हैं।

ये लोग न होते,तो भारत को नहीं मिल पाते धोनी और विराट जैसे स्‍टार बल्‍लेबाज
2. एम.एस.धोनी :
बात 2003 की है जब बंगाल टीम के कप्तान रहे प्रकाश पोद्दार को बीसीसीआई ने काफी अहम जिम्मेदारी सौंपी। प्रकाश को BCCI Talent Research Development Officer चुना गया। इनका काम था कि छोटे शहरों से टैलेंट की खोज करना। जमशेदपुर में उस समय अंडर-19 टीम का मैच चल रहा था। और प्रकाश यहां पर बेहतरीन खिलाड़ी चुनने आए थे। इस मैच में धोनी भी खेल रहे थे, हालांकि उन्होंने सिर्फ 35 रन बनाए थे। लेकिन प्रकाश को धोनी की बिग हिटिंग का अंदाजा लग गया था और उन्होंने कहा भी था, 'क्या मारता है बॉल को'। बस यहीं से धोनी कि किस्मत बदली और धीरे-धीरे उनकी भारतीय टीम में जगह पक्की हो गई। वनडे में डेब्यू के बाद भी धोनी को जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा सिखाया वो थे उस समय के कप्तान सौरव गांगुली।

ये लोग न होते,तो भारत को नहीं मिल पाते धोनी और विराट जैसे स्‍टार बल्‍लेबाज
3. विराट कोहली :
भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली अब ऐसे मुकाम पर पहुंच गए जहां उन्हें पीछे करने वाला कोई नजर नहीं आता। कोहली को यहां तक पहुंचाने का श्रेय उनके कोच राजकुमार शर्मा को जाता है। दिल्ली की टीम में खेलने वाले राजकुमार ने कोहली को 9 साल की उम्र से ही ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया था। बस फिर कोहली ने कभी मुड़कर नहीं देखा और अपनी प्रतिभा को निखारते गए। और आज भारतीय टीम के सबसे धुरंधर बल्लेबाज माने जाते हैं।

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4. रविंद्र जडेजा :
साल 2008 में आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम में खेल रहे रविंद्र जडेजा को कोई नहीं जानता था। उस समय राजस्थान टीम के कप्तान शेन वार्न हुआ करते थे। शेन वार्न ने जडेजा की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें खेलने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया। जडेजा ने भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन का ही नतीजा है कि रविंद्र जडेजा आज भारतीय टीम के बेस्ट ऑलराउंडर में से एक हैं।

ये लोग न होते,तो भारत को नहीं मिल पाते धोनी और विराट जैसे स्‍टार बल्‍लेबाज
5. अजिंक्य रहाणे :
टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को भी आईपीएल से ही पहचान मिली। रहाणे और द्रविड़ उस समय राजस्थान रायल्स टीम में साथ में खेलते थे। ऐसे में द्रविड़ ने रहाणे को बैटिंग के हुनर भी सिखाए। यह बात खुद रहाणे ने बताई थी। अभी हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट शतक लगाने के बाद रहाणे ने राहुल द्रविड़ का शुक्रिया अदा किया था। 

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6. युवराज सिंह :
बाएं हाथ के धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह के टैलेंट को सबसे पहले पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने पहचाना था। युवराज जब 17 साल के थे तब दिलीप ने युवी की प्रतिभा को समझ लिया का। वेंगसरकर ने एक बार कहा भी था कि, युवराज को शुरुआत में बैटिंग करते हुए देखना काफी अच्छा लगता था। वह आसानी से गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचा देता था।

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