बेटे-बहू ने कहा धन-दौलत नाती-पोते मांग लो

बुढि़या ने भगवान के कहे अनुसार अपने बेटे-बहू से मशविरा लिया। उन बेटे ने कहा कि मां भगवान से धन-दौलत मांग लो। धंधा चल नहीं रहा और हम लोगों का जीवन कितना गरीबी में गुजर रहा है। बहू ने कहा नहीं मांजी आप भगवान से पोता मांग लो। शादी के इतने साल गुजर गए हमारे घर एक बच्चा नहीं हुआ, आखिर वंश भी तो आगे बढ़ाना है। बुढि़या सोच में पड़ गई। भगवान जी ने कहा है कि वे केवल एक ही इच्छा पूरी करेंगे। लेकिन बेटे की बात भी सही है और बहू भी ठीक बोल रही है। चलो गांव वालों से पूछ लें कि क्या मांगा जाए। हो सकता है वे लोग कुछ अच्छी सलाह दे दें।

गांव वालों ने कहा अपनी सेहत मांग लो

बुढि़या ने यह बात गांव में कई लोगों से अकेले में कही। किसी ने कहा कि अम्मा बच्चा आज नहीं तो कल हो ही जाएगा। धंधा अभी मंदा है कभी चंगा भी हो जाएगा। लेकिन तुम्हारी आंखें तो दौलत या पोता आने से तो ठीक नहीं हो जाएंगी। इसलिए हम तो कहते हैं कि भगवान से आंखें मांग लो। बुढि़या को यह सलाह बहुत अच्छी लगी। उसने कहा यह भी ठीक है। लेकिन बेटे और बहू की बातें न मानकर अपने लिए मांगू तो दुनिया मुझे स्वार्थी न कहेगी? सिर्फ इसी विचार से उसे अपने पर गुस्सा आने लगा। रात को सोते समय एक-एक कर सब बातें उसके सामने आने लगी। सोचते-सोचते वह कब सो गई पता ही नहीं चला।

भगवाने बोले माई तूने तो मुझे ठग लिया

सुबह नित्य क्रिया के बाद वह नियमित पूजा पर बैठ गई। अभी भगवान का ध्यान लगाया ही था कि वे प्रकट हो गए। बोले, 'मां मांगो क्या चाहती हो।' बुढि़या बोली, 'भगवन मुझे कुछ नहीं चाहिए। मैं तो आपकी भक्ति से ही संतुष्ट हूं।' भगवान बुढि़या के भोलेपन पर बाग-बाग हो गए। उन्होंने कहा, 'फिर भी माई, मैं तुम्हारी एक इच्छा पूरी किए बगैर नहीं जाऊंगा। कुछ तो मांगना ही पड़ेगा।' बुढि़या बोली, 'अब आप मुझसे प्रसन्न हैं और इतना कह ही रहे हैं तो बस मेरी एक इच्छा पूरी कर दीजिए कि मैं अपने पोते को सोने के गिलास में दूध पीता देखूं।' भगवान मुस्करा कर बोले, 'माई, तूने तो मुझे ठग लिया। तेरी सिर्फ इतनी सी इच्छा पूरी करने के लिए मुझे धन-दौलत देनी होगी, तेरी बहू की गोद भरनी होगी और तुझे आंखें भी देनी होगी। तथास्तु!' इतना कहकर भगवान अंतर्ध्यान हो गए। साथ ही अंधी बुढि़या की एक इच्छा ने बेटे-बहू और उसकी खुद की बोले तो सभी की इच्छा पूरी कर दी।