- रिटायर्ड शिक्षक के अकाउंट से निकाले रुपए, दो-दो थाने घूमने के बाद भी दर्ज नहीं हुआ मामला

-एनआरआई बेटों ने अमेरिका और लंदन फोन कर बंद करवाया एटीएम, कोतवाली साइबर सेल लगाया फोन तो रिस्पांस नहीं मिला

PATNA: सावधान हो जाइए, अगर कोई फोन पर रिजर्व बैंक का नाम लेकर भी आपके एटीएम कार्ड का नम्बर, पिन नम्बर पूछ रहा तो न बताएं। शहर में एक ऐसा गिरोह बैठा है जो आपसे इस तरह की इंफार्मेशन लेकर लोगों के अकाउंट की सारी रकम साफ कर रहा है। विडम्बना तो यह है कि इस तरह साइबर क्राइम के शिकार होने के बाद पटना पुलिस आपकी हेल्प भी नहीं कर रही। जी हां, कुछ ऐसा ही हुआ है रामकृष्ण नगर के रहने वाले रिटायर्ड टीचर लालजी प्रसाद के साथ। उनके अकाउंट से क्.भ्क् लाख रुपए को उड़ा लिया गया है। उनके पास भी ऐसे ही एक गिरोह के लोगों ने फोन किया था। रुपए अकाउंट से निकल जाने के बाद जब वे थाने पहुंचे, तो उन्हें पुलिस का टका सा जबाब मिल गया कि यह तो आपकी गलती है हम क्या कर सकते हैं? उनकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। कुछ दिनों से बुजुर्ग लालजी प्रसाद दो-दो थाने कंकड़बाग और रामकृष्णा नगर के चक्कर लगाते रहे। उनका बैंक ऑफ इंडिया अकाउंट कंकड़बाग मेन रोड पर है और वे कंकड़बाग थाना गया। थाने ने कहा कि आपका घर रामकृष्ण नगर थाने क्षेत्र में पढ़ता है वहां जाइए। वहां गए तो बताया गया अकाउंट कंकड़बाग एरिया के बैंक में है, इसलिए मामला भी वहीं दर्ज होगा। जब वे कंकड़बाग आये तो यही जबाब मिला गलती तो आपकी है तो एफआईआर कैसा? रिक्वेस्ट के बाद भी कंकड़बाग थाने ने नहीं ली कंप्लेन।

विदेश में बैठे बेटे हुए एक्टिव

लालजी प्रसाद के साथ हुई इस वारदात की जानकारी अमेरिका और लंदन में काम कर रहे दोनों बेटों को हुई, तो उन लोगों ने पहले एटीएम लॉक करवाया। इंटरनेट पर पटना साइबर सेल के बारे में सर्च किया, तो कोतवाली थाने में चल रहे साइबर सेल का नम्बर मिला, जिसपर फोन लगाकर भी कोई फायदा नहीं हुआ। किसी ने फोन नहीं उठाया। उन लोगों ने पिता को और थाने के चक्कर लगाने से रोक दिया।

7 अक्टूबर तक निकाले रुपए

लालजी प्रसाद का एक बेटा प्रशांत दिवाली पर लंदन से पटना आया है। प्रशांत वहां आईटी कंपनी में डेवलपमेंट डायरेक्टर है जबकि दूसरा बेटा मनोज कुमार भी अमेरिका के एक आईटी कंपनी में काम करते है। लालजी प्रसाद को ख्ख् सितम्बर को फोन आया कि रिजर्व बैंक से बोल रहे हैं नया रूल आया है। सभी एटीएम एक्पायर हो जाएंगे। आप अपने एटीएम के बारे में जानकारी दें। लालजी प्रसाद ने अपने तीनों एटीएम का डिटेल फोन पर दे दिया। बैंक आफ इंडिया, एसबीआई और सेन्ट्रल बैंक का अकाउंट है उनके पास। इसमें बैंक आफ इंडिया में क्.भ्8 लाख रुपये थे। पहला ट्रांजेक्शन अपराधियों ने भ् रुपये का किया है उसके बाद भ्0 बार ट्रांजेक्शन किया गया है।

क्रेडिट कार्ड के पेंमेंट से बिल का भुगतान

जब डिटेल निकलवाया गया, तो पता चला कि कई मोबाइल कंपनियों के पोस्टपेड नम्बरों के बिल का भुगतान किया गया है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड का पेमेंट भी किया है। प्रशांत ने बताया कि कुछ जानकारी लेने लिए इन जगहों पर संपर्क किया गया तो कंपनियों ने कहा कि पुलिस को ही जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए मामला दर्ज होना जरूरी है। प्रशांत का कहना था कि आज भी लोग एफआईआर दर्ज करने के लिए पटना में इतनी मशक्कत होती है। यह आश्चर्य है। सवाल रुपये का नहीं जांच का है। और लोग भी इस तरह के क्राइम का शिकार हो रहे हैं।

फोन पर मांगा यह डिटेल

क्। एटीएम कार्ड का नम्बर

ख्। एटीएम का पिन नम्बर

फ्। सीवीवी नम्बर

ब्। एटीएम कार्ड की वैलिडिटी टाइम

एसएसपी ने कहा था, साइबर क्राइम बड़ा चैलेंज

सीनियर एसपी जितेन्द्र राणा ने ज्वाइन करते ही कहा था कि साइबर क्राइम एक बड़ा चैलेंज है। उन्होंने साइबर सेल को एक्टिव करने को भी कहा मगर थानाध्यक्ष ही इस तरह के मामलों पर ध्यान नहीं दे रहे। यहां तक कि इंवेस्टिगेशन के डर से मामले दर्ज करने से भी परहेज कर रहें।

बुजुर्गो का यह ख्याल कैसा?

पुलिस हेडक्वार्टर से ही आदेश है कि बुजुर्गो का खास ख्याल रखा जाये। थाने के बुजुर्गो की लिस्ट बने। सीनियर सिटीजन के केस को सॉल्व करने में प्राथमिकता देनी हैं, मगर यहां तो एफआइआर तक थाने में दर्ज नहीं हो पा रहे हैं।