- 15 दिन पहले परिवार में हुई भी चचेरे भाई की मौत

- अभिषेक की हिम्मत की पूरे गांव में होती रही चर्चा

LUCKNOW :

काकोरी के आधा दर्जन घरों में डकैती की घटना से राजधानी थर्रा उठी। कटौली गांव के प्रधान हरिशंकर यादव के बेटे अभिषेक की हत्या की खबर पल भर में आसपास के गांव में आग की तरह फैल गई। पूरे गांव में कोहराम मच गया। चारों ओर दहशत की आंखों में पुलिस के प्रति नाराजगी साफ नजर आ रही थी। प्रधान के घर के बाहर जमा लोगों के आंसूओं का सैलाब रुकने का नाम नहीं ले रहा था। हर कोई गमजदा था।

नम आंखों से दी अंतिम विदाई

हर किसी की जुबान पर अभिषेक की बहादुरी के चर्चे थे। गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि अभिषेक काफी मिलनसार था और लोगों के दुख दर्द में खड़ा होता था। दोपहर करीब 2 बजे जब अभिषेक का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा तो पूरा गांव चीख पुकार से गूंज उठा। अभिषेक के परिजन ही नहीं आसपास के गांव के लोगों की आंखें से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सभी ने नम आंखों से अभिषेक का अंतिम संस्कार किया।

न दुकानें खुलीं और न कोई काम पर गया

काकोरी के बनियाखेड़ा और कटौली गांव में डकैती की घटना के बाद से दोनों गांव में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। रविवार दोनों गांव में न तो कोई दुकान खुली और न ही कोई काम पर गया। बनियाखेड़ा गांव के रहने वाले रिंकू साहू ने बताया कि वह अमीनाबाद इलाके में एक दुकान में काम करता हैं, लेकिन इस घटना के बाद वह काम पर नहीं गये। यहां रिंकू ही अकेला ऐसा शख्स नहीं था बल्कि दोनों गांवों में न जाने कितने लोग ऐसे थे जो काम पर नहीं गये। गांव के लोगों का पूरे दिन जमावड़ा बनियाखेड़ा के किसान रघुनाथ के घर व कटौली के प्रधान हरिशंकर यादव के घर के बाहर लगा रहा।

15 दिन पहले परिवार में हुई थी गमी

ग्राम प्रधान हरिशंकर यादव के परिवार में 15 दिन पहले भी गमी हुई थी। हरिशंकर के भतीजे रामू की गांव के बाहर एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। परिवार के लोगों ने दो दिन पहले तेहरवीं की थी। 15 दिन में दूसरे जवान बेटे की मौत से पूरा परिवार गमजदा है।