कुमार मंगलम बिरला भारत के मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट्स में से एक हैं. वह आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन हैं जो कि देश का तीसरा सबसे बड़ा औद्योगिक समूह है.

वह बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड़ साइंस (बिट्स) के चांसलर भी हैं. बिट्स की गिनती देश के बेहतरीन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट्स में होती है.

कुमार मंगलम बिरला, बिरला परिवार की चौथी पीढी़ से हैं.

इन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से बीकॉम की डिग्री ली, आईसीएआई से सीए बने और इसके बाद इन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया है.

कुमार मंगलम बिरला ने सन् 1995 में आदित्य बिरला ग्रुप की बागडोर संभाली थी. उनके पिता आदित्य बिरला के गुजरने के बाद उन्होंने महज 28 साल की उम्र में ही कारोबार संभाल लिया था.

केएम बिरला ने आज बिरला ग्रुप को गगनचुंबी मुकाम तक पहुंचा दिया हैं. जब उन्होंने कारोबार संभाला था तब बिरला ग्रुप का टर्नओवर 2 बिलियन डॉलर पर ईयर हुआ करता था जो कि आज 33 बिलियन डॉलर तक जा पहंचा हैं. बिरला ग्रुप ने आज 40 देशों में अपना कारोबार फैला रखा है.

कुमार मंगलम बिरला ने नीरजा बिरला से शादी की और उनके तीन बच्चे हुए जिनका नाम अन्नयाश्री, आर्यमान और अद्वतेष हैं. वहीं उनकी पत्नी नीरजा, मुंबई में आदित्य बिरला वर्ल्ड एकेडमी स्कूल का कामकाज देखती हैं.

सीबीआई का आरोप है कि 2005 में उड़ीसा में कोल ब्लॉक पब्लिक सेक्टर की दो कंपनियों नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन और महानदी कोलफील्ड्स को एलॉट किया गया था लेकिन साल के बीच में कुमार मंगलम बिरला की कोल सेक्रेटरी पारिख से मुलाकात के बाद स्क्रीनिंग कमेटी ने अपना फैसला पलटते हुए हिंडाल्को को भी दोनों पीएसयू के साथ एलॉटमेंट में शामिल कर लिया.

सीबीआई ने बिरला को एवी बिरला ग्रुप और ग्रुप कंपनी हिंडाल्को का रिप्रेजेंटेटिव होने के नाते मामले में आरोपी बनाया है.

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