विशाल शर्मा, दिलशाद और सौरभ नाम के कर्मचारियों को विभाग ने नियुक्त नहीं किया है। रोजमार्टा कंपनी के कर्मचारी हो सकते हैं।

श्वेता वर्मा, एआरटीओ प्रशासन

इन तीनों कर्मचारियों का रोजमार्टा कंपनी से कोई लिंक नही है और ना ही ये रोजमार्टा के कर्मचारी हैं।

भविष्य गुप्ता, मेरठ प्रभारी, रोजमार्टा कंपनी

अधिकारियों की जानकारी के बिना ही गोपनीय विभागों में काम रहे दलाल

Meerut। आरटीओ में हालत यह है कि बाबुओं की सीट पर बाहरी युवक बैठे काम करते नजर आते हैं। इसका खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पहले भी कर चुका है। बुधवार को एक बार फिर आरटीओ में यही नजारा नजर आया, जब विभाग के रिकार्ड रूम जैसे गोपनीय कक्ष में भी तीन ऐसे युवक काम करते मिले, जो न तो विभाग के कर्मचारी हैं और न ही आउटसोर्सिग उपलब्ध कराने वाली कंपनी के।

अफसरों को पता नहीं

आरटीओ में दलाल कंप्यूटर तक संभाल रहे हैं। तीन बाहरी युवक टीआर, रिकार्ड सेक्शन में कई माह से काम कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। यह हालत तब है, जब आरटीओ में दलालों की घुसपैठ को लेकर काफी सख्ती का दम भरा जाता है।

रोजमार्टा के नाम से फर्जीवाड़ा

आरटीओ कार्यालय में गुड़गांव की आउटसोर्सिग कंपनी रोजमार्टा ऑनलाइन सिस्टम संभालती है, जिसके तहत सात कर्मचारियों की नियुक्ति आरटीओ में की गई है। लेकिन इस कंपनी के नाम पर आरटीओ कार्यालय में लगातार फर्जीवाड़ा चल रहा है। इस कंपनी के नाम से बाहरी युवक विभाग के गोपनीय कक्ष में बैठकर काम कर रहे हैं। विभाग का दावा है कि ये कर्मचारी रोजमार्टा कंपनी द्वारा नियुक्त हैं लेकिन रोजमार्टा खुद इन कर्मचारियों को नही जानती।