अलग-अलग रंगों में:

1907 से पहले भारत में शासन से प्रशासन तक हर जगह ब्रिटिश सरकार की ही हूकूमत चलती थी। इस दौरान तब उनकी पुलिस सफेद रंग की वर्दी पहनती थी। हालांकि लंबी ड्यूटी के दौरान यह जल्दी गंदी हो जाती थी। जिससे पुलिस कर्मी भी परेशान होते थे। कई बार तो उन्होंने गंदगी को छुपाने के लिए अपनी वर्दी को अलग-अलग रंगों में रंगना शुरू कर दिया था।

तो इसलिए होता है पुलिस की वर्दी का रंग खाकी

खाक रंग की डाई तैयार:

ऐसे में उनकी वर्दी अलग-अलग रंगों में वर्दी में दिखने लगी थी। यह देखकर आला अफसरों ने पुलिस कर्मियों की वर्दी को एक जैसा दिखाने और गंदी होने से बचाने के लिए खाक रंग की डाई तैयार कराई थी। इस खाक रंग की डाई लगने के बाद उस पर धूल मिट्टी और दाग आदि थोड़ा कम दिखेंगे। यह खाक रंग लोगों को भी पसंद आया था। इसके बाद इस खाक रंग को अधिकारिक रूप से पुलिस की वर्दी में शामिल कर दिया गया था।

तो इसलिए होता है पुलिस की वर्दी का रंग खाकी

वर्दी का कलर सफेद:

कोलकाता पुलिस की वर्दी का कलर आज भी सफेद है। इसके सफेद होने के पीछे की वजह थोड़ी अलग है। 1720 में कोलकाता की पुलिस को सुरक्षा बढ़ाने और अपराध पर रोक लगाने के लिए नियुक्त किया गया था। उस समय वहां की पुलिस की वर्दी सफेद रंग की थी। इसलिए वहां की पुलिस की वर्दी का सफेद रंग इतिहास का एक हिस्सा मानकर उसे बरकरार रखा गया है।

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