खैर, आप चाहे जितने तरीके सोचें हम आपको दक्षिण अफ्रीका की एक नेता का पानी बचाने का तरीका बताते हैं।

दक्षिण अफ्रीका के एक प्रांत वेस्टर्न केप की नेता हेलेन ज़ील ने बताया कि वे तीन दिन में सिर्फ एक बार ही नहाती हैं और ऐसा वो पानी बचाने के लिए करती हैं।

 

'रोज अपने बाल भी नहीं धोती'

वेस्टर्न केप अपने पहाड़ों और समुद्री किनारों के लिए जाना जाता है। लेकिन कुछ समय से यहां पानी की कमी हो गई है, पिछले साल पड़े सूखे के बाद तो इस इलाके के हालात बहुत ज़्यादा ख़राब हो गए हैं।

इसी वजह से ज़ील ने यह फैसला लिया कि वे तीन दिन में एक बार ही नहाएंगी। अपने इस अनोखे फैसले के बारे में उन्होंने एक लेख में बताया, ''मैंने तीन दिन में एक बार नहाने का फैसला किया है, बाकी दिन मै सिर्फ अपने हाथ धो लेती हूं। पहले मैं रोज अपने बाल धोती थी लेकिन अब सिर्फ नहाने के वक्त ही ऐसा करती हूं।''

ज़ील दक्षिण अफ्रीका के विपक्षी दल डेमोक्रेटिक एलायंस की संस्थापक हैं।

 

सोशल मीडिया पर बन रहा मज़ाक

केपटाउन की बस्तियों में रहने वाली अधिकतर जनता सरकारी नलों से सप्लाई होने वाले पानी पर ही निर्भर रहती है।

ऐसे में पानी बचाने के लिए नहाना छोड़ देना कितना बड़ा बलिदान है, लोगों के लिए यह अपने आप में ही किसी मज़ाक जैसा हो गया है। कई लोग सोशल मीडिया पर ज़ील का मज़ाक बना रहे हैं।

तीन दिन तक क्यों नहीं नहाती यह नेता?

 

ज़ील पर लगें हैं आरोप

इस बीच, टाइम्स लाइव में प्राकशित हुए एक लेख में कहा गया है कि केप टाउन में स्थित ज़ील के आधिकारिक निवास में वाटर प्यूरिफायर लगा है। यह वाटर प्यूरिफायर जनता के भरे टैक्स के पैसे से लगाया गया है। हालांकि ज़ील ने इन आरोपों को नकारा है।

ज़ील ने यह बताने की कोशिश की है कि वे पानी बचाने के लिए कितने प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा, ''मैं और मेरे पति कम से कम पानी का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, कई बार मैं इस वजह से अपनी सेहत के प्रति चिंतित हो जाती हूं।''

इस ख़बर के बाद भले ही वेस्टर्न केप की जनता हंसी-मज़ाक कर रही हो लेकिन असल में इस इलाके में पानी की कमी एक गंभीर समस्या है।

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पानी की कमी से जूझता इलाका

वेस्टर्न केप के पानी से संबंधित विभाग के अनुसार इस इलाके के आस पास जो बांध हैं उनमें पानी का स्तर 35 प्रतिशत रह गया है। पिछले साल यह 61 प्रतिशत था।

इस वजह से यहां प्रति व्यक्ति को एक दिन में 87 लीटर पानी ही इस्तेमाल करने की अनुमति है। यहां की कुल आबादी 60 लाख है।

2011 में हुई स्टडी के अनुसार आमतौर पर अगर कोई व्यक्ति नहाने के लिए 8 मिनट लेता है तो वह 62 लीटर पानी का इस्तेमाल करता है। यानी जितना पानी एक व्यक्ति को दिन भर में इस्तेमाल करने की इज़ाजत है, यह उसका 70 प्रतिशत है।

तय सीमा से ज़्यादा पानी इस्तेमाल करने पर जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन यह तरीका भी पूरी तरह से कारगर नहीं है।

अब इस इलाके में पानी की सप्लाई के कुछ नए तरीकों के बारे में सोचा जा रहा है, जिसमें पानी की रीसाइक्लिंग और भूजल की निकासी शामिल है।

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