थर्सडे को प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के इस्तीफा देने और उसके स्वीकार होने की बात कही गयी और इसके कुछ घंटे बाद ही बृहस्पतिवार रात दोनों नेताओं ने इस्तीफा दिए जाने की बात को खारिज कर दिया. साथ ही ये आरोप लगाया कि उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है. योगेंद्र यादव के एक पत्र का वजूद सामने आया जिसमें उन्होंने साफ कर दिया कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से ई मेल के जरिए की गई मांगों को माने बगैर वह इस्तीफा नहीं देंगे.  

योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि 17 मार्च को साढ़े बारह बजे ई मेल के जरिए पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को पांच मांगे भेजी थीं. जिसमें राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय काउंसिल के काम को अलग करने, राज्य समिति में राजनीतिक मामलों की समिति के हस्तक्षेप को खत्म करने, पार्टी में स्वराज लागू करने, वालंटियर को महत्व देने, पार्टी में लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करने की मांग की थी.  अगर ये मांगे मान ली गई तो ही वे प्रशांत भूषण को भी मनाकर शनिवार सुबह तक इस्तीफा दे देंगे. इसके पहले इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता.

इस बीच आप में अब वर्चस्व की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है. पार्टी संस्थापकों में शामिल प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाले जाने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.  योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर के चुनौती दी है कि यदि किसी के पास इस्तीफे की प्रति है तो उसे सार्वजनिक करे. यादव ने इस दावे को भी हास्यास्पद बताया कि उन्होंने और भूषण ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देने के लिए केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने का कोई प्रस्ताव रखा था.  जबकि मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर गुरुवार को पीएसी की बैठक हुई जिसकी जानकारी देते हुए कुमार विश्वास व आशीष खेतान ने बताया कि 17 मार्च को प्रशांत और योगेंद्र यादव ने पांच शर्तों के साथ इस्तीफे की पेशकश की थी. शर्तों को मानते हुए पीएसी ने दोनों का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है. केजरीवाल के संयोजक पद पर बने रहने या हटने का फैसला 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होगा.

खेतान और कुमार विश्वास ने आरोप भी लगाया कि दोनों नेता बातचीत के दौरान बंद कमरे में कुछ और कहते हैं जबकि बाहर कुछ और बोलते हैं. वहीं दिल्ली के उप मुख्य  मंत्री और आप के एक और बड़े नेता मनीष सिसोदिया ने भी एक ट्वीट किया और कहा कि ‘‘प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव से चल रही बातचीत बेनतीजा रही है. दोनों नेता केजरीवाल को पार्टी के संयोजक पद से हटाने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे.’’

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