वीरेंद्र सहवाग की कैप्टेंसी में दिल्ली की टीम ने पिछले दो मैचों में डिफेंडिंग चैम्पियन चेन्नई सुपरकिंग्स और चैम्पियन्स लीग विनर मुंबई इंडियन्स की टीम्स को शिकस्त दी है और उसे इस मैच में भी जीत का दावेदार माना जा रहा है।

 

वहीं दूसरी तरफ डेक्कन चार्जर्स की टीम लय में आने के लिए जूझ रही है और कुमार संगकारा की कैप्टेंसी वाली इस टीम को टूर्नामेंट में पहली जीत का इंतजार है। चार्जर्स के बल्लेबाजों ने पिछले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन गेंदबाजी उसके लिए चिंता का सबब है।

दिल्ली की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। सहवाग, केविन पीटरसन, महेला जयवर्धने और रोस टेलर की मौजूदगी वाले बैटिंग आर्डर को रोकना आसान नहीं है और  चारों ही बैटसमैन सिर्फ कुछ ओवरों में की मैच का नक्शा बदलने की एबिलिटी रखते हैं।

इसके अलावा नमन ओझा विकेटकीपर और सलामी बल्लेबाजी के डबल रोल में टीम को बैलेंस करते हैं जबकि आलराउंडर इरफान पठान, योगेश नागर और अजित अगरकर लोअर आर्डर में तेजी से रन बटोरने में सक्षम है। दिल्ली की जीत में उसके बोलर्स का रोल ज्यादा इंपो्रटेंट रहा है। उसके गेंदबाजों ने सुपरकिंग्स को आठ विकेट पर 110 रन पर रोक दिया था जबकि मुंबई इंडियन्स को सिर्फ 92 रन पर ढेर किया। टीम ने इसके बाद ये मैच 13 । 2 और 14 । 5 ओवर में आसानी से जीत लिए।

दक्षिण अफ्रीका के मोर्ने मोर्कल दिल्ली के सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं जिन्होंने चार मैचों में 9 । 88 की एवरेज से नौ विकेट चटकाए हैं जबकि इस दौरान उनकी इकोनामी रेट 5 । 93 की रही। उमेश यादव ने चार मैचों में पांच जबकि स्पिनर शाहबाज नदीम ने इतने ही मैचों में तीन विकेट हासिल किए लेकिन इन दोनों की इकोनामी रेट  4 । 72 और 5 । 15 रन पर ओवर के साथ काफी इंप्रेसिव रही। पठान ने चार मैचों में दो जबकि अगरकर ने एक मैच में दो विकेट चटकाए।

दूसरी तरफ चार्जर्स की चिंता उसके बोलर्स ने बढ़ा दी है क्योंकि वे बड़े स्कोर सेव करने में अनसकसेजफुल रहे हैं। मुंबई इंडियन्स के खिलाफ डेनियल क्रिस्टियन लास्ट  ओवर में राइवल टीम को 18 रन बनाने से नहीं रोक पाए जबकि राजस्थान रायल्स के खिलाफ पिछले मैच में उसके गेंदबाजों ने लास्ट  3 । 4 ओवर में 55 रन लुटाकर जीत का सुनहरा मौका गंवा दिया।

डेल स्टेन, आनंद राजन, क्रिस्टिन और अंकित शर्मा जैसे गेंदबाज, बल्लेबाजों को रोकने में नाकाम रहे हैं। अमित मिश्रा ने पिछले मैच में रायल्स के खिलाफ तीन विकेट चटकाकर उम्दा गेंदबाजी की। बल्लेबाजों की बात करें तो टूर्नामेंट में अब तक दिल्ली के बल्लेबाजों को कोई टफ कांप्टीशन नहीं फेस करना पड़ा है और टॉप  20 में उसका कोई बल्लेबाज शामिल नहीं है। गेंदबाजों ने पिछले दो मैचों में बल्लेबाजों का काम काफी आसान कर दिया था। रायल चैलेंजस बेंगलूर के खिलाफ हालांकि टीम के गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों को ही जूझना पड़ा और दिल्ली की टीम 20 रन से हार गई।

कप्तान सहवाग ने चार मैचों में सिर्फ 21 । 25 की औसत से 85 रन बनाए हैं लेकिन मिडिल आर्डर के इंर्पोटेंट बैटसमैन्स पीटरसन ने दो मैचों में 52 रन, जयवर्धने ने दो मैच में 37 रन और टेलर ने एक मैच में 11 रन बनाए हैं और अब तक इन्हें अपने हाथ दिखाने का मौका नहीं मिला है जो टीम के लिए चिंता का सबब हो सकता है।

टीम हालांकि काफी बैलेंस्ड नजर आ रही है और अगर कोई खिलाड़ी इंजर्ड नहीं होता है तो इसमें चेंज की गुंजाइश काफी कम है। अगरकर को हालांकि बेहतर प्रदर्शन करना होगा नहीं तो उनके स्थान पर खतरा हो सकता है।

चार्जर्स की ओर से शिखर धवन अच्छी फार्म में हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका के जेपी डुमिनी ने अपने पहले ही मैच में नाबाद तूफानी अर्धशतक जडक़र अपनी एबिलिटी शो कर दी है। संगकारा और क्रिस्टियन ने भी फार्म में वापसी की है और टीम को इन सभी से एक बार फिर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

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