हाई कोर्ट ने कहा, विवेचना रिपोर्ट दाखिल होने तक नहीं होगा उत्पीड़न

सेंट जोसेफ स्कूल एण्ड कॉलेज, इलाहाबाद के छात्र सेरेबेन टेरेन्स जुडलाखि के आंख में बांस की डंडी से प्रहार कर आंख में गंभीर चोट पहुंचाने के आरोपी कॉलेज के उप प्रधानाचार्य के खिलाफ दर्ज मुकदमा की शीघ्र व प्रभावी विवेचना करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि धारा 173 (2) सीआरपीसी के तहत रिपोर्ट दाखिल होने तक आरोपी फादर के खिलाफ पुलिस को उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं करेगी।

रिपोर्ट रद करने की की थी मांग

यह आदेश जस्टिस गोविन्द माथुर व अशोक कुमार की खंडपीठ ने फादर लेसली बेनेडिट कोटिनो की याचिका पर दिया है। फादर ने याचिका दायर कर सिविल लाइन्स थाने में 12 मई 17 को दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए उसे रद करने की मांग की थी। कोर्ट ने इस प्राथमिकी को रद करने से इंकार कर दिया है तथा कहा है कि कोर्ट इस बात से संतुष्ट है कि इस घटना की जांच की जानी चाहिए। याचिका पर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोदकांत तथा याचिकाकर्ता फादर की ओर से गोपाल एस चतुर्वेदी ने बहस की।

छात्र को मारना गंभीर अपराध

याची के वकील का तर्क था कि प्राथमिकी से कोई अपराध घटित नहीं हो रहा है। जबकि सरकार की तरफ से बहस की गयी कि कॉलेज के 12वीं के छात्र के साथ प्रार्थना के दौरान बांस की डंडी से मारना गंभीर अपराध है। न्यायालय ने उक्त आदेश के साथ याचिका को निस्तारित कर दी है।