इंडियन फिशरमैन के मर्डर के एक्यूज्ड इटली के दो मरीन्स का वापस इंडिया आना डाउटफुल हो गया है. ऐसा इस मामले में इटली के फॉरेन मिनिस्टर पाओलो जेन्टीलोनी के स्टेटमेंट के बाद महसूस हो रहा है. जेन्टीलोनी ने कहा है कि इटली गवरन्मेंट देखेगी कि जिन दो मरीनों पर मर्डर का एलिगेशन है उनमें से एक की हेल्थ उसे इंडिया भेजने के लिए फेवरेबल है या नहीं. दोनों मरीनों मासिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने पर मर्डर का चार्ज 2012 में लगा था.

जेन्टीलोनी ने कहा है कि उन्हें दोनों इटैलियन मरींस लातोरे और गिरोने के केस में पॉजिटिव रिजल्ट आने की उम्मीद है. फॉरेन मिनिस्टर जेन्टीलोनी का ये रिएक्शन तब सामने आया है जब इंडियन सुप्रीम कोर्ट ने एक मरीन गिरोने की क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए इटली जाने विश को रिजेक्ट् कर दिया. कोर्ट ने लातोरे की प्ली भी रिजेक्ट कर दी है जिसमें उसने हेल्थ रिलेटेड इश्यूज को रीजन बताते हुए इटली में अपने स्टे का पीरियड एक्सटेंड करने की रिक्वेस्ट की थी.

लातारे को 2014 की स्टार्टिंग में हार्ट रिलेटेड प्राब्लम के चलते बाई एयर इटली भेजा गया था.  कल रेडियो पर एक इंटरव्यू में इटली के फॉरेन मिनिस्टर जेन्टीलोनी ने कहा कि इटली की सरकार चेक करेगी कि क्या लातोरे 2015 में जनवरी मिड तक इंडिया लौटने की कंडीशन में है. इटली की न्यूज एजेंसी एएनएसए ने जेन्टीलोनी को यह कहते हुए रेफर किया है कि मरीन की हेल्थ सबसे बड़ी प्रॉयोरिटी है.

इंडिया और इटली के रिलेशन में टैंशन पैदा करने वाला ये केस 2012 का है जब केरल में दो इंडियन फिशरमैन को मार डालने के लिए इन दो इटैलियन मरींस एक्यूज्ड बनाया गया. इस बारे में दोनों इटैलियन मरींस का कहना है कि उन्होंने इंटली के ऑइल टैंकर की सिक्योरिटी के दौरान इंडियन फिशरमैन को बाई मिस्टेक मरीन बैंडिट समझ कर उन पर फायर कर दिया था. ये मरीन अपने केस की हियरिंग का वेट करते हुए नई दिल्ली में इटैलियन अंबेसी रह रहे थे और वे इंडिया छोड कर नहीं जा सकते थे. इस केस में इटली का कहना है कि यह मामला इंडिया के ज्यूरिडिक्शन में नहीं आता. पहले भी जेन्टीलोनी कह चुके हैं कि इंडिया के साथ डिस्कशन बेहद होपलेस रहा है.

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