- एक अप्रैल से सीबीएसई के पैटर्न पर होना था पहली बार नया सेशन शुरू

- किताबों के बिना ही स्कूल पहुंचेंगे स्टूडेंट्स

<- एक अप्रैल से सीबीएसई के पैटर्न पर होना था पहली बार नया सेशन शुरू

- किताबों के बिना ही स्कूल पहुंचेंगे स्टूडेंट्स

Meerut : Meerut : सीबीएसई पैटर्न पर यूपी बोर्ड को चलाने का शासन का सपना इस साल भी अधूरा ही रह जाएगा। यूपी बोर्ड में एक अप्रैल से सेशन शुरू करने की बड़ी योजना फेल हो जाएगी। सेशन की शुरुआत एक से नहीं अब क्भ् अपै्रल से होगी। कागजों में भले ही सेशन एक से ही शुरू हो रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत पर नए सेशन में न तो बच्चों के बैग में पुस्तके होंगी न ही क्लास में टीचर्स। नए सेशन को लेकर सभी में चिंता बनी हुई है।

कॉपी चेक करने में लगे हैं टीचर्स

एक अपै्रल से पढ़ाई शुरू होगी। इस बारे में हालांकि शिक्षा विभाग तो दावा कर रहा है, लेकिन उधर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की आंसरशीट चेक करने के लिए विभिन्न सब्जेक्ट के टीचर्स को लगाया गया है। टीचर्स की संख्या पर्याप्त होने के चलते नया सेशन देरी से शुरू होगा, क्योंकि स्कूलों में पढ़ाने वाले ही नहीं होंगे तो कौन पढ़ाएगा। बोर्ड की आंसरशीट सेक्टर में चेक की जा रही है। कुल दस लाख के आसपास कॉपियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। टीचर्स की व्यस्तता के चलते डीआईओएस ने भी इसमें थोड़ी ढिलाई दे दी है।

खाली बैग कैसे होगी पढ़ाई

शासन की योजना अनुसार तो अब तक तो हर स्कूल में क्लास आठ तक बच्चों की बुक्स भी पहुंच जानी चाहिए थी, लेकिन पूरी यूपी लेवल पर ही टेंडर की आधी अधूरी प्रक्रिया के चलते बुक्स ही नहीं पहुंच पाई हैं।

टाइम टेबल तक नहीं हुए हैं तैयार

योजना के तहत तो स्कूलों में सेशन में पाठ्यक्रम के हिसाब से स्कूलों में हर क्लास का टाइम टेबल भी तैयार किया जाना था। उसी टाइम टेबल के हिसाब से स्कूलों में पढ़ाई होनी थी। लेकिन अभी तक तो बुक्स का भी अता पता नहीं है तो टाइम टेबल तो दूर की बात है।

एडमिशन ही चलेंगे पूरे मंथ

अभी तो हाल फिलहाल में स्कूलों में केवल रजिस्ट्रेशन और एडमिशन की ही प्रक्रिया चलेगी। कुछ स्कूलों में तो यह प्रक्रिया शुरू हो गई है और कुछ स्कूलों में आज से रजिस्ट्रेशन और एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होनी है। स्कूलों के प्रिंसीपल्स का यही कहना है कि अधिकतर सभी टीचर्स को मूल्यांकन में लगा दिया गया है। एक दो टीचर ही बचे हैं, जो एडमिशन की प्रक्रिया के लिए लगाए गए हैं। मजबूरन में कुछ स्कूलों में तो बाबुओं को भी एडमिशन व अन्य कार्य में लगाना पड़ा है।

सेशन शुरू करना है बड़ी समस्या

एक अप्रैल से हमारे स्कूल में रजिस्ट्रेशन शुरू है। एक तो एडमिशन ऊपर से मूल्यांकन में सभी टीचर्स को जाना, इस बार नया सेशन शुरू करना बड़ी समस्या हो गई है। सही तरह पढ़ाई होने की तो क्भ् के बाद ही उम्मीद है।

डॉ। बीबी बंसल, प्रिंसीपल, एसडी सदर

अभी तो फिलहाल एडमिशन की प्रक्रिया ही मुश्किल से हो पा रही है। हमने तो मजबूरन बाबुओं को भी एडमिशन में हेल्प के लिए लगाया है। अभी फिलहाल शासन की तरफ से कोई बुक भी नहीं मिली है।

सुशील, प्रिंसीपल, डीएन कॉलेज

पढ़ाई तो क्भ् अप्रैल के बाद ही होगी, मूल्यांकन में ही सभी टीचर्स हैं। केवल एक मुझे छोड़कर सभी को मूल्यांकन में भेजा गया है। एडमिशन करना भी मुश्किल हो रहा है। बीच में सरकारी छुट्टियां भी पड़ रही हैं, जिससे दिक्कत बढ़ रही है।

डॉ। नीरा तोमर, प्रिंसीपल मलू सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज, मटोर

हमने तो अभी आरजी डिग्री कॉलेज के बीएड स्टूडेंट को हेल्प के लिए बुलाया है, लेकिन सही तरह से पढ़ाई शुरू हो पाना क्भ् से पहले मुश्किल है।

रजनी शंखधर, प्रिंसीपल, आरजी इंटर कन्या कॉलेज

एक अप्रैल से सेशन शुरू करने का यह पहला सत्र है। हमारा पूरा प्रयास है कि नया सेशन सहीं तरह से शुरू हो पाए, इसके लिए टीचर्स का सहयोग आवश्यक है।

एके मिश्रा, डीआईओएस