ठंड में बढ़ रहे दिल के मरीज, दो गुनी हुई संख्या

बच्चों भी को परेशान कर रहा विंटर डायरिया

Meerut। बर्फीली हवाओं के साथ बढ़ी ठंड बच्चों और बुजुगरें के लिए जहां परेशानी का सबब बन गई है, वहीं दिल और सांस के मरीजों पर भी सर्दी कहर बनकर टूट रही है। अस्पतालों में जहां बच्चा वार्ड फुल हैं, वहीं ओपीडी में भी 80 प्रतिशत मरीज दिल और सांस के पहुंच रहे हैं।

विंटर डायरिया का खतरा

गिरते-बढ़ते तापमान की वजह से बच्चों में विंटर डायरिया का खतरा काफी बढ़ गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि 70 प्रतिशत मरीज कोल्ड डायरिया, फीवर, सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों से पीडि़त हैं। यह रोग शरीर में रोटा वायरस के पनपने से हो जाते हैं, जिसमें जीरो से 1 साल तक के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं हालांकि 5 साल तक के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

यह है लक्षण

पानी की कमी हो जाना

नाक से पानी आना

गले में खराश

लूज मोशन व पेट दर्द

सांस की नली में सिकुड़न

आंतों में सिकुड़न

ऐसे करें बचाव

बच्चों को ऊनी कपड़े पहना कर रखे मालिश करें

रात में उनका बिस्तर गीला न होना दें।

कैप ओर मोजे पहना कर रखें।

गुनगुना पानी पिलाएं, पानी की कमी न होने दें

खान-पान का विशेष ध्यान रखें।

केले, दही-मट्ठे का सेवन जरूर करें।

डॉक्टर्स के लिए हेल्दी सीजन

भले ही ठंड से बच्चों और दिल के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन यह मौसम हेल्दी सीजन के दायरे में आता हैं। अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों की संख्या घटकर आधी रह गई हैं। मेडिकल के एसआईसी डा। अजीत बताते हैं कि इस सीजन में वायरस खत्म हो जाते हैं। ऐसे में डेंगू, स्वाइन फ्लू, डायरिया जैसी बीमारियां नहीं पनपती हैं। इस मौसम में बुखार, खांसी या कोल्ड ही अधिकतर होता हैं या पहले से दिल, सांस या बीपी की शिकायत से जूझ रहे मरीजों को दिक्कत होती है।

ओपीडी की स्थिति

अप्रैल से अक्टूबर

जिला अस्पताल- 1800 से 2500 तक प्रतिदिन

मेडिकल कॉलेज- 3000 से 5000 तक प्रतिदिन

नंवबर से मार्च तक

जिला अस्पताल 800 से 1600 तक प्रतिदिन

मेडिकल कॉलेज - 2200 से 3000 तक प्रतिदिन

बदलते तापमान का सबसे अधिक असर बच्चों पर होता है। ब्रेस्ट फीडिंग न करवाने पर छोटे बच्चों में विंटर डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। हाइजीन का भी विशेष ख्याल रखें।

डॉ। उमंग अरोड़ा, बाल रोग विशेषज्ञ

इस मौसम में बच्चों को ठंड की वजह से दिक्कत हो जाती है। विंटर डायरिया होने पर बच्चों में ऑक्सीजन तक की कमी हो सकती हैं।

डॉ। नवदीप रत्न

बाल रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज

बच्चों में बुखार की समस्या बेहद आम है। 70 से 80 प्रतिशत मरीज इसी समस्या से पीडि़त हैं। विंटर डायरिया भी बच्चों में देखने में आ रहा है।

डॉ। पीके जैन

बाल रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल

दिल को हुई दिक्कत

बर्फीली हवाओं का कहर सीधे दिल के मरीजों पर भारी पड़ रहा है। सर्दी बढ़ने से मरीजों में हायपरटेंशन और बीपी की समस्या सबसे ज्यादा सामने आ रही है। स्थिति यह है कि पिछले तीन दिनों में तापमान में आई जबरदस्त गिरावट से मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई हैं।

जिला अस्पताल में मरीज

1 जनवरी - 55

2 जनवरी- 85

3 जनवरी - 105

4 जनवरी - 125

सर्दी बढ़ने से हार्ट पेंशेंट्स की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे रोगियों को चिकनाई और नमक से थोड़ी दूरी बनानी चाहिए। एक चुटकी नमक पूरे दिन के लिए काफी है। डाइट पर पूरा कंट्रोल रखें। ऐसे मरीजों में किडनी फैल्योर, बे्रन स्ट्रोक व पैरालाइज होने का पूरा खतरा रहता है।

डॉ। आरती फौजदार

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल