- खिड़कियों के कांच हैं टूटे और जाम

BAREILLY:

सर्दी के सीजन में परिवहन निगम की बसों में सफर कर यात्री बीमार हो रहे हैं। क्योंकि ज्यादातर बसों की विंडो पर शीशे टूट चुके हैं, जो लगे भी वह जाम हैं। ऐसे में, यात्रियों को ठिठुरते हुए सफर तय करना पड़ रहा है। यात्री बसों की विंडो के शीशे टूटे होने की शिकायत कर भी रहे हैं, तो उनकी बात कोई सुनने वाला नहीं है।

सर्द हवाएं बस के अंदर

बरेली रीजन में बसों की संख्या 500 से भी अधिक हैं। इनमें से अधिकतर बसों की खिड़की के कांच टूटे हुए हैं, किसी-किसी खिड़की में एक ही तरफ कांच लगे हुए हैं, उचित देखभाल नहीं होने से खिड़की बंद भी नहीं होती है। ऐसे में खिड़की की तरफ बैठे यात्रियों को और मुसीबत झेलनी पड़ती है। सर्द हवाएं सीधे उनके कान और शरीर पर लगता है। जिससे सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, बॉडी में दर्द सहित अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जा रही हैं।

वेदर लाइट व वाइपर भी नहीं

कई बसों के वाइपर गायब हैं। कुछ बसों में लगे हुए भी है, तो उसके रबर पूरी तरह से घिस चुके हैं। जिससे कांच को साफ कर पाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में ओंस की बूंदे कांच को पूरी तरह से ढंक लेती हैं। चालकों को सड़क पर कुछ साफ दिखाई नहीं देता है। सफर के दौरान बार-बार बस रोक कर कपड़े से कांच को साफ करना पड़ता है। अधिकतर बसों में वेदर लाइट भी नहीं लगे हैं। जिससे चालकों को सामने से आ रहे वाहनों को देख पाने में काफी मुश्किल होती है।

हो चुका है हादसा

अधिकारियों की लापरवाही के कारण बस एक्सीडेंट के मामले सामने आ चुके हैं। 5 वर्ष पहले दिसम्बर में एक के बाद एक रोडवेज की बसें बीच राह पलट गई थी। 25 दिसम्बर 2012 में बरेली क्षेत्र की बस संख्या यूपी 25 एटी 9707 जिसे ड्राइवर कुंवरपाल सिंह वापस लेकर बरेली आ रहे थे। बस की हालत इतनी खराब थी कि उसमें वाइपर तक नहीं लगे थे। कांच पर कोहरा गिरने से चालक ने नियंत्रण खो दिया। बस सड़क किनारे खाई में गिर गई थी। हसनपुर-संभल रोड पर कोहरे की वजह से रोडवेज बस संख्या यूपी 25-1694 पलट गई। बस में 12 पैसेंजर सवार जो चोटिल हो गए थे।

कासगंज जाने के लिए मैं बरेली डिपो की बस में पीछे बैठा था। सीट के बगल का ही कांच टूटा होने की वजह से काफी सर्दी लग रही थी।

डॉ। शिवराज कुमार

रोडवेज की बसें भगवान भरोसे ही चल रही है। कांच तो टूटे हैं ही साथ ही जाम भी होते हैं। जिसे बंद करना मुश्किल हो जाता है। सीट भी बैठने लायक नहीं होती है।

सौरभ