-विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बोले सीएम, नहीं बढ़ेगी सत्र की अवधि

-सदन में झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने उठाई अवधि बढ़ाने की मांग

रांची : राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि नहीं बढ़ेगी। मु2यमंत्री रघुवर दास ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में स्पष्ट कहा किसत्र छोटा या बड़ा नहीं होता। सत्र में सबकी बात होती है। राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की आवाज सदन में उठती है। विपक्ष को यह अधिकार है कि वह अगर किसी बात से असहमत है तो शालीनता के साथ आवाज उठा सकते हैं। सभी विधायकों पर जनता की जि6मेदारी और जवाबदेही है। सरकार हर सवाल का उत्तर देगी। यही स्वस्थ्य परंपरा है।

तीन दिन के सत्र पर सवाल

दरअसल मंगलवार को सत्र की शुरूआत होने के बाद जब स्पीकर दिनेश उरांव का प्रारंभिक व1तव्य समाप्त हुआ तो झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा कि महज तीन दिन का सत्र है जबकि राज्य सरकार के निर्णय किसान, छात्र और आमजन विरोधी हैं। एक रुपये में अक्षयपात्रा को कानून ताक पर रखकर 68 एकड़ जमीन दे दी गई। बहाली की उम्र घटाई गई। अडाणी को गोड्डा में भारी विरोध के बावजूद जमीन दे दिया गया। पंडरा में व्यवसायियों को उजाड़कर सरकार ट्रांसपोर्ट नगर बसाना चाहती है। इस परिस्थिति में सरकार सदन की अवधि कम से कम एक सप्ताह करे। अगर सरकार इसपर सहमत नहीं है तो इसका मतलब यह है कि वह जनता के सवालों पर मुंह चुराना चाहती है।

होगा विचार विमर्श

इसपर स्पीकर ने सूचित किया कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में अवधि बढ़ाने पर विमर्श होगा। बैठक के दौरान सत्र की अवधि बढ़ाने पर सहमति नहीं बन पाई। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम की दलील थी कि सालभर में सत्र की अवधि कम से कम 45 दिन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव काफी बड़ी सं2या में लंबित है। उसे सुनने के लिए सत्र की शुरूआत सुबह 10 बजे से हो। उन्होंने इस बाबत अपने कार्यकाल का भी हवाला दिया। कहा, सत्तापक्ष को विपक्ष के सवालों से भागना नहीं चाहिए। शीतकालीन सत्र का पहला दिन औपचारिकताओं में गुजरा। स्पीकर ने सत्र की अवधि के लिए पीठासीन सभापति, कार्यमंत्रणा समिति की घोषणा की। इसके बाद शोक प्रस्ताव लाया गया।

------

धर्म स्वतंत्र समेत कई विधेयकों की मंजूरी

शीतकालीन सत्र के पहले दिन कई संशोधित विधेयक सदन के पटल पर रखे गए। जिसमें राज्यपाल से अनुमोदित धर्म स्वतंत्र विधेयक समेत झारखंड मूल्यवर्धित कर 2017, विशेष न्यायालय विधेयक, औद्योगिक विवाद विधेयक एवं लि3ट एंड एसकेलेटर विधेयक शामिल है। सदन के पटल पर संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने आश्वासन से संबंधित एटीआर (कृत कार्रवाई प्रतिवेदन) रखा।

----

आज अनुपूरक बजट

राज्य सरकार बुधवार को अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसपर दूसरी पाली में चर्चा होगी। विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की बजाय सरकार इस बात पर सहमत है कि चर्चा के लिए अतिरि1त व1त दिया जाए। बुधवार से इसकी शुरूआत हो सकती है। संभव है कि सत्र का समय एक घंटे तक बढ़ाया जाए। हालांकि चर्चा का विषय अभी तय नहीं है।

---