- प्रदेश के विभिन्न शहरों में खेल विभाग के 30 से अधिक हॉस्टल
- इस बार कॉमनवेल्थ में मेडल लाने वाला एक भी खिलाड़ी प्रदेश के हॉस्टल का नहीं
- कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार आए पांच मेडल
LUCKNOW:
प्रदेश में मौजूद खेल हॉस्टल में खिलाडि़यों की ट्रेनिंग किस तरह की है, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। कॉमनवेल्थ में मेडल लाने वाले खिलाडि़यों में एक भी खिलाड़ी हॉस्टल का नहीं है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद प्रदेश के खेल हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज से खिलाड़ी निकल नहीं पा रहे हैं।
इस बार जीते पांच मेडल
आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार यूपी के पांच खिलाड़ी मेडल लाने में कामयाब रहे। इनमें वाराणसी की पूनम यादव ने वेटलिफ्टिंग में और लखनऊ के जीतू राई ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता। मेरठ की सीमा पुनिया ने डिस्कस थ्रो में रजत, मुज्जफरनगर की दिव्या काकरान और 10 मीटर शूटिंग में मवाना के रवि कुमार ने कांस्य पदक जीता। इनमें से किसी भी खिलाड़ी का प्रदेश में संचालित हो रहे खेल विभाग के हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज से कोई मतलब नहीं रहा है।
हर साल होता है करोड़ों खर्च
जबकि प्रदेश के विभिन्न शहरों में कई खेलों हॉस्टल मौजूद हैं। खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन खेलों पर हर वर्ष करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है। इनमें रहने वाले खिलाडि़यों को फ्री ट्रेनिंग के साथ ही खाने की मुफ्त सुविधा दी जाती है। इन खिलाडि़यों को ट्रेनिंग देने के लिए खेल सरकार ने प्रदेश भर में प्रशिक्षकों की तैनाती कर रखी है।
पहुंची इंडिया कैंप
मेडल लाने वाले खिलाडि़यों में जीतू राई सेना में प्रैक्टिस करते रहे। वहीं पूनम यादव स्पोर्ट्स अथारिटी ऑफ इंडिया के लखनऊ सेंटर में प्रैक्टिस करती थी। यहां से वह सीधे इंडिया कैम्प में पहुंच गई। कुश्ती की कोच दिव्या काकरान भी अमौसी एयरपोर्ट के निकट स्थित स्पोर्ट्स अथारिटी ऑफ इंडिया के सेंटर में प्रैक्टिस करती रही। सीमा पुनिया ने दो कॉमनवेल्थ यूपी से खेले लेकिन इनका यहां की ट्रेनिंग से कुछ भी लेना देना नहीं है।
हॉस्टल के खिलाड़ी ओलम्पिक तक पहुंच चुके हैं। हॉस्टल में खिलाडि़यों की प्रॉपर ट्रेनिंग होती है। प्रशिक्षकों को भी समय-समय पर बदलते नियमों और ट्रेनिंग के एडवांस टेक्निक के बारे में बताया जाता है।
अनिल बनौधा
ज्वॉइंट डायरेक्टर
खेल निदेशालय
प्रदेश में संचालित होने वाले हॉस्टल
सहारनपुर-जूडो, बरेली -फुटबाल, मेरठ - कुश्ती और बॉक्सिंग, लखनऊ- हॉकी, वॉलीबाल, एथलेटिक्स, स्वीमिंग, झांसी- बॉक्सिंग, आगरा - जिम्नास्टिक, टेबल टेनिस, बास्केटबाल, कबड्डी, इलाहाबाद - बैडमिंटन, वॉलीबाल, एथलेटिक्स, वाराणसी - फुटबाल, गोरखपुर- कुश्ती और बास्केटबाल, देवरिया - वॉलीबाल, फैजाबाद - वॉलीबाल, फुटबाल, कुश्ती, बैडमिंटन, सोनभद्र - तीरंदाजी, सैफई - एथलेटिक्स
- कुल खिलाड़ी-386
अनुमानित खर्च
प्रदेश के खेल हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज में खिलाडि़यों के रहने, खाने, प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने, कैम्प के साथ ही इस विभाग में तैनात प्रशिक्षकों और कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी को लेकर कुल बजट
-120 करोड़ लगभग