- ईडी, इनकम टैक्स और कारपोरेट अफेयर्स की जांच में खुली पूर्व एमएलसी की पोल

- तनख्वाह और फल बेचकर एक हजार करोड़ कमाने का किया था दावा

- जांच एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी जांच की स्टेटस रिपोर्ट

LUCKNOW: जिन कंपनियों को कोई बिजनेस, या यूं कहे कि कोई अस्तित्व ही नहीं था, उनमें सहारनपुर के पूर्व बसपा एमएलसी मोहम्मद इकबाल ने करीब 900 करोड़ रुपये निवेश कर दिए। अपने रिश्तेदारों और करीबियों को कंपनी के सारे शेयर खरीदकर डायरेक्टर बना दिया। इसके बाद बेनामी संपत्तियां खरीदी गयीं। कंपनियों ने कभी सरकारी विभागों में अपने डॉक्यूमेंट जमा नहीं कराए लेकिन मोहम्मद इकबाल और उनके करीबियों को अनसिक्योर्ड लोन देने में कोई कोताही नहीं बरती। पूर्व एमएलसी और उनके परिजनों की छह साल की कुल आमदनी 11 करोड़ रुपये मिली लेकिन फर्जी कंपनियों और फर्मो के जरिए लेन-देन हजारों करोड़ का हुआ। मोहम्मद इकबाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में चल रही जांच में ईडी, सीरियल फ्रॉड इंवेस्टिगेशन यूनिट और इनकम टैक्स ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कुछ ऐसे ही अहम खुलासे किये है।

52 बैंकों में खोले 511 खाते

सीरियल फ्रॉड इंवेस्टिगेशन यूनिट की स्टेटस रिपोर्ट में उल्लेख है कि मोहम्मद इकबाल की 111 फर्जी कंपनियों ने 52 बैंकों में 511 खाते खोले। इनमें से कुछ खातों में बड़े पैमाने पर लेन-देन हुए और बड़ी तादाद में कैश रकम भी निकाली गयी। इनमें से तमाम लेन-देन संदिग्ध मिले हैं जिनकी जांच जारी है। इसके बाद जांच एजेंसी ने जब दिल्ली, हरियाणा और यूपी के कंपनियों के पते पर छापा मारा तो वे अपने पते पर नहीं मिलीं। आसपास के लोग भी इन कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके। ज्यादातर कंपनियों के डायरेक्टर पूछताछ के लिए बुलाने पर नहीं आए और कोई दस्तावेज भी नही उपलब्ध करा सके। एसएफआईयू ने अपनी जांच में पाया कि 111 कंपनियों में से 36 कृषि सेक्टर में रजिस्टर्ड हैं। करीब 33 कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट और 42 कंपनियां माइनिंग, कंसल्टेंसी, ट्रेडिंग, हॉस्पिटेलिटी, हेल्थ सर्विसेज, फायनेंसियल सर्विसेज, साफ्टवेयर और एजूकेशन से संबंधित हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इनमें से 56 कंपनियां 2009 से 2011 के बीच बनाई गयीं। इनमें से 76 कंपनियों के दस पते समान थे। वहीं 13 कंपनियों का जो दिल्ली का पता दिया गया था वहां पर ज्वैलर्स की दुकान मिली जो इस कंपनियों में मुख्य शेयरहोल्डर था। जब इन कंपनियों की बैलेंस शीट जांची गयी तो पता चला कि उन्होंने 526 करोड़ रुपये जमीनें खरीदने में निवेश की।

ईडी के सामने कबूला था सच

वहीं ईडी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की, उसमें मोहम्मद इकबाल से पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की जानकारी दी गयी है। ईडी ने अदालत को बताया कि एनआरएचएम घोटाले में हुई पूछताछ में मोहम्मद इकबाल ने बाबू सिंह कुशवाहा से अपने रिश्ते होने की बात कबूली लेकिन उसकी वजह राजनीति बताया। उसने अपनी कमाई का स्रोत अपनी सैलरी और फलों का बिजनेस बताया। वहीं ईडी ने जब मोहम्मद इकबाल और उसके रिश्तेदारों के इनकम टैक्स रिटर्न को खंगाला तो वर्ष 2007 से 2014 के बीच उनकी कुल आमदनी 11 करोड़ रुपये मिली जिसमें से ज्यादातर खनन के काम से जुटाई गयी थी। इसी अवधि में उनके परिवार के द्वारा 7.3 करोड़ रुपये की कृषि भूमि खरीदी गयी। उनके परिवार के सात सदस्यों ने सात कंपनियों के सारे शेयर खरीदे, ईडी अब पता लगा रही है कि इसके लिए उनके पास पैसा कहां से आया। वहीं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा वर्ष 2012 से 2015 के बीच कई पार्टनरशिप फर्मे भी खोली गयीं जिनमें फर्जी कंपनियों में निवेश की गयी बड़ी रकम को ट्रांसफर किया गया। यह भी सामने आया कि मोहम्मद इकबाल के पुत्र मोहम्मद वाजिद ने कुछ सालों के भीतर ताबड़तोड़ दुबई आदि की यात्रा की जबकि वहां उनका कोई बिजनेस नहीं था।

इन कंपनियों ने खरीदी 14 करोड़ की जमीन

बेस्ट मेटल व‌र्क्स, नाजा प्रिंटिंग प्रेस, शिवालिक एग्रीटेक फर्म, कामधेनु डेयरी फ‌र्म्स, एग्रोसोल्यूशन फर्म, मिल्क सी एग्रीटेक फर्म, हाजी हार्वेस्टिंग एंड फारेस्टरी फार्मिग, ग्रीन फील्ड एग्रो फर्म, इंटरनेशनल हर्बल फार्मिग, कैज फ‌र्म्स, एग्रो फार्मिग एंड प्लांटेशन, एग्रीकल्चर एंड फोरेस्टिक फर्म, यूनिवर्सल एग्रीकल्चर फर्म, एए एंड टी एग्रीकल्चर फर्म, एस एंड टी कंपनी, एवरग्रीन एग्रीकल्चर फर्म, फार्म लैंड एंड कल्टीवेशन फॉर्म।

इन कंपनियों का किया टेकओवर

सन व्यू हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, गिरिआसो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कैनयन फायनेंसियल प्राइवेट लिमिटेड, मैस्टिफ इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, नेट एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड, वीके हेल्थ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया पैसिफिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड