- सीएमओ, एसआईसी समेत चार सदस्यीय टीम गठित

-गर्भवती महिला की धुनाई का मामला

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिला की पिटाई का मामला गरमा गया है। अस्पताल प्रशासन मामले में अपने को फंसता देखकर आनन-फानन में प्रसूता नसीमा खातून को वेंस्डे की शाम डिस्चार्ज कर दिया। मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल बनाया गया है। टीम मामले की जांच करेगी। प्रसूता ने स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पैसा लेने और पिटाई करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उसने आरोप लगाया कि कर्मचारी की लापरवाही से मेरे नवजात शिशु के सिर में चोटें आई। टीम ने डॉ। सुषमा सिन्हा, स्टाफ नर्स नीलम और दाई हबीबून्निशा को तलब किया है। टीम तीनों से मामले की पूछताछ करेगी।

चार सदस्यीय टीम करेगी जांच

मामले की जांच के लिए सीएमओ डॉ। एमके सिंह, एसआईसी डॉ। सुनीता कुमार, एसीएमओ डॉ। एके सिन्हा, डॉ। एनके सिंघल टीम में शामिल किए गए हैं। यह टीम फ्राइडे को मामले की जांच करेगी।

ऐसे हुई थी घटना

टयूज्डे मार्निग पिपराइच एरिया के निवासी एहसान आलम अपनी पत्‍‌नी नसीमा खातून को जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराया। शाम तकरीबन म्.फ्0 बजे डिलेवरी के लिए ओटी में ले गए। यहां कर्मचारियों ने पैसे की डिमांड की। पैसा न देने पर प्रसूता की पिटाई की जिसकी वजह से नवजात शिशु के सिर में चोटे आई। फैमिली मेंबर्स ने इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर पर की। सूचना पर पहुंची एसआईसी ने किसी तरह से मामले को शांत कराया।

पीडि़त को मिले न्याय, नहीं तो होगी लड़ाई

वहीं जिला अस्पताल के हड्डी डिपार्टमेंट में ऑपरेशन थियेटर में महिला की मौत का मामला गरम होता जा रहा है। मजदूर क्रांति मोर्चा के सदस्यों ने थर्सडे मार्निग सीएमओ आफिस के सामने जमकर नारेबाजी की। उनकी मांग थी कि आरोपी को सजा दिया जाए, पीडि़त को न्याय दिया जाए। नहीं तो इसके लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष हरेन्द्र पांडेय ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के एनेस्थिसियन डॉ। आरएस शुक्ला के एनस्थिसिया डोज अधिक देने से महिला की मौत हुई है। अनिल शुक्ला ने कहा कि अस्पताल प्रशासन डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करे। नहीं तो अधिवक्ता संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर रजनीश मिश्रा, मनोज सिंह, संतोष मिश्रा मौजूद रहे।