RANCHI: डोरंडा के भवानीपुर स्थित बुलकमान टोली निवासी दिनेश प्रधान के आवास में किराए पर रहने वाली विवाहिता जानकी देवी की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत मामले में पुलिस प्रशासन की उदासीनता सामने आई। परिजनों के अनुसार, उनलोगों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे इसकी सूचना डोरंडा पुलिस को दी, लेकिन राजधानी होने के बावजूद फोरेंसिक टीम सात घंटे बाद तक घटनास्थल नहीं पहुंच पाई। क्ख्.भ्भ् बजे फोरेंसिक एक्सप‌र्ट्स घटनास्थल पहुंचे। हालांकि इससे पहले डीएसपी सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी पहुंचे और वस्तु स्थिति से अवगत होकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। एसएसपी के आदेश के बाद पूरे मामले की फोरेंसिक जांच करवाने की बात हुई। फोरेंसिक विशेषज्ञों को मौके पर पहुंचने में लंबा वक्त लगा। मेन रोड पर निकलने के दो रास्ते जानकी देवी के आवास के सामने मेन रोड पर मुहल्ले में निकलने के दो रास्ते हैं। एक रास्ते में गेट है, जबकि दूसरे रास्ते में कोई गेट नहीं है। उस रास्ते से देर रात तक कोई भी आ-जा सकता है। एसएसपी को मिली सूचना के बाद उक्त रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालने की कोशिश की जा रही है, ताकि अगर कोई संदिग्ध चेहरा दिखे, तो उसकी पहचान की जा सके। खुले थे घर के सभी गेट, किसी ने नहीं सुनी आवाज शुक्रवार की रात जानकी देवी के दोनों बच्चे घर में ही बेड पर सोए हुए थे, लेकिन उनलोगों ने कोई आवाज नहीं सुनी। जबकि घर में बाहरी दरवाजे से लेकर भीतर के कमरे तक के सभी दरवाजों की कुंडी खुली हुई थीं। लेकिन, रात में क्या हुआ, यह किसी को पता नहीं, किसी ने कोई आवाज भी नहीं सुनी। गौरतलब हो कि जानकी देवी अपने दो बेटों के साथ रहती थीं। एक नौ साल का करण है, जो विद्यासागर बालिका विद्या मंदिर में क्लास वन में पढ़ता है। वहीं, छोटा बेटा अनुज भी उसी स्कूल में नर्सरी में पढ़ता है। बेटे ने मां को फर्श पर पड़ा देखा जानकी देवी के बेटे करण ने ही सबसे पहले मां को फर्श पर पड़ा हुआ देखा। उसने बताया कि रात करीब आठ बजे सोए थे। सुबह करीब साढ़े चार बजे उसकी नींद खुली तो उसने मां को फर्श पर पड़ा देखा। उसने मां को हिलाया-डुलाया, लेकिन कोई हरकत नहीं देखकर उसने सबसे पहले अपने घर के बगल में रहने वाली सुषमा देवी को इसकी जानकारी दी। सुषमा देवी व अन्य ने मिलकर इसकी जानकारी उसी परिसर में रहने वाली जानकी देवी की अपनी भाभी रंभा देवी को दी, जिसके बाद एंबुलेंस को सूचना दी गई और फिर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी गई। करण ने बताया कि उसके घर में किसी का आना-जाना नहीं था। उसकी मां शुक्रवार की रात आयरन कर रही थी, इसके बाद क्या हुआ, उसे नहीं पता। कपड़े आयरन कराने आए थे दीदी व जीजा भवानीपुर इलाके में ही दूसरी जगह पर जानकी देवी की दीदी लक्ष्मी देवी व जीजा मनीष रहते हैं। उन दोनों ने बताया कि उनके घर में आयरन नहीं है, इसलिए वे लोग अपने कपड़े लेकर आयरन के लिए शुक्रवार की शाम जानकी देवी के पास गए थे। वहां शाम करीब छह से सात बजे तक कपड़े आयरन करवाए और उसके बाद लौट गए थे। इसके बाद क्या हुआ, उन्हें नहीं पता। । ये उठ रहे सवाल -जानकी के तीनों सोने के लॉकेट कहां गए, केवल मोती बिखरा था -जानकी बीड़ी नहीं पीती थी, तो बीड़ी कहां से आया -कान व नाक के गहने नहीं मिले, कहां गए -जानकी के चेहरे पर सूजन क्यों आ गया था -जानकी देवी के घर के सभी दरवाजे रात में खुले कैसे रह गए -जानकी के पास दो मोबाइल थे, ब्जी मोबाइल गायब था -नाक से खून आ रहे थे। शव बेड से फर्श पर कैसे आया -जेवरात वाला सूटकेस ट्रंक में रहता था, तो ट्रंक के बाहर कैसे आ गया -जानकी देवी आयरन कर ही थीं तो उसका तार कहां गायब हो गया बॉक्स पति व भाई दुबई से रांची के लिए रवाना जानकी देवी की मौत की सूचना के बाद इलेक्ट्रिक का काम कर रहे उनके पति कमलेश प्रसाद व भाई उमाकांत दुबई से रांची के लिए रवाना हो चुके हैं। वे रविवार की सुबह तक रांची पहुंच जाएंगे। मृतका के गोपालगंज स्थित पैतृक आवास से भी परिजन रांची के लिए रवाना हो चुके हैं।