परिवार ने गंगा में बहा दिया था

कानपुर के बिधूना में रहने वाली विलासा नाम की महिला की कहानी काफी फिल्मी लगती है। साल 1976 विलासा की में सांप के काटने से मौत हो गई थी। परिजनों की मानें तो विलासा आज से 40 साल पहले जानवरों के लिए घास काटने गई थीं जहां उन्हें जहरीले सांप ने काट लिया जिसके बाद उन्हें झाड़-फूंक करने वाले एक बाबा के पास ले जाया गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। इसके बाद परिवार ने उनके शव को गंगा में बहाकर अंतिम संस्कार भी कर दिया। लेकिन अब वही महिला वापस लौट आई है।

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गायब होने की पीछे यह है कहानी

विलासा के वापस लौट आने से उसके घर वाले हैरान भी हैं और खुश भी। विलासा की मानें तो वह मरी नहीं थी ना ही उन्हें किसी सांप ने काटा था बल्कि वे बेहोश हो गयीं थी। जिसके बाद घरवालों ने उसे मरा समझकर गंगा में बहा दिया था। इसके बाद वह पानी में बहते हुए वह कन्नौज जिले की सीमा से लगते एक गांव में पहुंच गयीं जहां सरई ठेकू के निवासी रामशरण ने उसे एक नई जिंदगी दी।

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40 साल बाद वापस लौटी

40 साल बाद अचानक से दरवाजे पर अपनी मां को देखकर उनकी बेटियों राजकुमारी और मुन्नी फिलहाल काफी खुश हैं। विलासा ने बताया कि घटना के बाद उनकी यादाश्त चली गयी थी। कुछ ही दिन पहले उनकी यादाश्त वापस आ गयी है। इसके बाद उन्होंने एक लड़की को ये सारी बात बताई लड़की ने अपने चाचा चेतराम को ये बात बताई। जिसके बाद चेतराम विलासा को बीते शुक्रवार उसके परिवार के पास वापस छोड़ गए।

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