-शासन ने हेल्थ डायरेक्टर को जारी किए निर्देश

-बरेली के एडवोकेट ने पीएम से लगाई थी गुहार

BAREILLY: महिलाओं के शव का पोस्टमार्टम किये जाते वक्त भी उनकी अस्मिता बेपर्दा नहीं हो सकेगी। क्योंकि महिल के शवों का पोस्टमार्टम सिर्फ लेडीज डॉक्टर और लेडीज स्टाफ के द्वारा ही किया जाएगा। शासन ने हेल्थ डायरेक्टर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बरेली के एडवोकेट यशेंद्र ने पीएम नरेंद्र मोदी को महिला शवों का पोस्टमार्टम महिला डॉक्टर से कराने का पत्र लिखा था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने महिला शवों के पोस्टमार्टम की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

आठ महीने पहले लिख्ा था पत्र

एडवोकेट यशवेंद्र सिंह ने 17 अक्टूबर 2016 को पीएम को पत्र लिखा था कि वह महिला शवों के पोस्टमार्टम की प्रणाली से अवगत कराना चाहते हैं। उन्होंने पत्र में लिखा था कि महिला शवों का पोस्टमार्टम पुरुष डॉक्टर व स्टाफ द्वारा किया जाता है। यह व्यवस्था पूरी तरह से दोष पूर्ण है। यह सीधे तौर पर गलत है। यह महिला अस्मिता और मानवाधिकारों के खिलाफ है। ऐसे में इस सिस्टम को खत्म कर महिला के शव का पोस्टमार्टम महिला स्टाफ से ही कराया जाए। यह महिलाओं के लिए सम्मानपूर्वक होगा। सभी जिलों में महिला डॉक्टर व स्टाफ मौजूद भी हैं।

पीएम ने लिया गंभीरता से

पीएम नरेंद्र मोदी ने मामले को गंभीरता से लिया और यूपी सरकार को इस पर संज्ञान लेने के लिए कहा, जिसके बाद यूपी के सीएम ने भी मामले को गंभीरता से लिया। इस संबंध में सीएम के उप सचिव हरि मोहन झा ने अनु सचिव जेएल यादव को निर्देश जारी किए। जिसके बाद जेएल यादव ने 13 जून को हेल्थ डायरेक्टर यूपी को आदेश जारी किया है कि सभी महिलाओं के पोस्टमार्टम महिला स्टाफ से ही कराया जाए। इसके अलावा सभी जिलों में महिला डॉक्टर व स्टाफ की डिटेल भी दी जाए।