-रूरल एरिया में पुरुषों को पुलिस मित्र बनाने के ष्श्रठ्ठष्द्गश्चह्ल के फेल होने के बाद पुलिस ने महिलाओं पर खेला दांव
-हर गांव में गुलाबी गैंग के नाम से बन रहे महिलाओं के समूह को बांटे जायेंगे पुलिस मित्र के कार्ड
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पुरुषों को अपना मित्र बनाने के बाद भी गांवों में अपराध को रोकने में खाकी फेल हुई तो वो अब पुरुषों का साथ छोड़कर महिलाओं को मित्र बनाने में पुलिस जुट गई है। अब तक नौ ग्रामीण थानों में इस प्लैन को पूरा करने के लिए एसओ से लेकर एसपी रूरल संग सीओज की टीम लगी है। मकसद सिर्फ यह है कि गांवों में होने वाले छोटे मोटे अपराधों को महिलाओं की मदद से अंकुश लगाना।
पहले भी बांटे गए थे कार्ड
दो साल पहले जिले के नौ ग्रामीण थानों समेत शहर के थानों में पुलिस के सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए पुरुषों को पुलिस मित्र बनाया गया था। उस वक्त इन्हें पुलिस की ओर से पुलिस मित्र का आईकार्ड, टीशर्ट व कैप भी दी गई थी लेकिन समय बीतने के साथ पता चला कि पुलिस मित्र बने लोग पुलिस तक सूचना पहुंचाने की जगह अपना उल्लू सीधा करने में जुटे थे। इस पर अब महिलाओं पर पुलिस ने भरोसा किया है। एसपी रूरल आशीष तिवारी के मुताबिक महिलाओं को गांवों में अपराध रोकने की जिम्मेदारी इसलिए दी गई है क्योंकि इनकी मौजूदगी हर ओर रहती है। छोटी छोटी चीजों पर अपनी निगाह बनाये रखने के साथ ये खुद क्राइम कंट्रोल का प्रयास करती हैं। इसलिए इनको हर थाना क्षेत्र में गुलाबी गैंग के नाम से तैयार कर पुलिस मित्र का कार्ड और गुलाबी साड़ी दी जायेगी। कुछ जगहों पर ये काम शुरू भी हो चुका है।
ये होगा इनका काम
- ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की ब्रिकी रोकना
-गांव में जुआरियों पर अंकुश लगाना
- मादक पदार्थो की तस्करी रोकना
- चोरी व छिनैती की वारदातों पर लगाम लगाना
- अवैध फैक्ट्रीज और बिजली चोरी पर नजर रखना
कुछ यूं बनेगा महिलाओं का गैंग
थाना कुल महिलाएं गुलाबी समूह संख्या
चोलापुर 108 03
चौबेपुर 151 02
फूलपुर 151 03
रोहनिया 110 05
लोहता 42 02
जंसा 112 03
बड़ागांव 101 02
मिर्जामुराद 97 02
कपसेठी 51 03