Politically active हो रही महिलाएं
महिलाओं की दुनिया अब सिर्फ घर-परिवार और सास-बहू के सीरियल तक सीमित नहीं हैं। वे अब पॉलिटिकली एक्टिव भी हो रही हैं। झारखंड में पहले फेज में लोकसभा की 4 सीट्स पर हुए इलेक्शन में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। बात जमशेदपुर की करें, तो यहां भी महिलाओं में इलेक्शन को लेकर काफी एक्साइटमेंट है। जहां भी चार महिलाएं मिलती हैं तो पॉलिटिक्स और 17 अप्रैल को होने वाली वोटिंग के बारे में ही चर्चा शुरू हो जाती है।
महिलाओं में आया है बदलाव
महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसी प्रॉलम्स मेल या फीमेल नहीं देखती है, इसका असर सब पर बराबर पड़ता है, इसका सॉल्यूशन ढूंढना भी सबकी जिम्मदारी है, ये कहा टेल्को की रहने वाली सुप्रिया राय ने। सुप्रिया ने कहा कि एक अच्छी सरकार बना कर इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। सोनारी की रहने वाली सुमिता चंद्रा ने कहा कि महिलाओं को हमेशा पॉलिटिकली इनएक्टिव समझा जाता रहा है, कुछ हद तक इस बात में सच्चाई भी दिखती है, पर अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बढ़ती शिक्षा और फाइनेंशियली स्ट्रांग होने के साथ-साथ अपने अधिकारों के प्रति अवेयरनेस बढ़ रही है।
ढूंढना होगा solution
भले ही घर का अर्निंग मेंबर कोई मेल हो, पर घर चलाने की जिम्मेदारी महिला पर ही होती है। महंगाई और दूसरी समस्याओं से महिलाओं पर कहीं ज्यादा असर पड़ता है, ये कहना है साकची की रहने वाली पूर्वी घोष का। उन्होंने कहा कि इस बार इलेक्शन में महिलाएं अपने वोट का इस्तेमाल कर इन समस्याओं का हल ढूंढना चाहती हैं।
राजनीतिक रूप से भी महिलाएं जागरूक हो रही हैं। इस बार इलेक्शन में महिलाएं निर्णायक रोल अदा करने वाली हैं।
सुप्रिया राय, टेल्को
अगर बदलाव लाना है तो आगे बढक़र अपनी जिम्मेदारी को निभाना ही होगा। अपने वोट का सही इस्तेमाल कर
कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
प्रमिला प्रसाद, आदित्यपुर
Report by : abhijit.pandey@inext.co.in