-कोल्हान यूनिवर्सिटी के यूथ फेस्टिवल का हुआ समापन

-दामा पुरुष व निधि महिला वर्ग के व्यक्तिगत चैंपियन बनें

JAMSHEDPUR: जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज द्वारा आयोजित कोल्हान विश्वविद्यालय के यूथ फेस्टिवल का समापन गुरुवार की शाम को पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। सभी विजयी प्रतिभागियों को व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्पद्र्धाओं में अलग-अलग पुरस्कृत किया गया। जजों द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार वर्कर्स कॉलेज की टीम ने क्ब्0 अंक प्राप्त कर ओवरऑल चैंपियन बनने का खिताब हासिल किया। वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर व करीम सिटी कॉलेज की टीम संयुक्त रूप से उपविजेता रही। दोनों को क्फ्0-क्फ्0 अंक प्राप्त हुए। व्यक्ति उपलब्धियों के लिए पुरुष वर्ग में को-ऑपरेटिव कॉलेज के दामा सोरेन व महिला वर्ग में वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर की निधि चैंपियन घोषित किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह की शुरुआत कोल्हान विश्वविद्यालय के कुल गीत से हुई। समारोह का संचालन डा। प्रसूनदत्त सिंह ने किया। सभी विजेताओं को कोल्हान विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ। पद्यजा सेन, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, प्रोक्टर प्रो। बीएन मिश्रा, वर्कर्स कॉलेज के संस्थापक सदस्य एमएम मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार मनोरंजन सिंह, वर्कर्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ। डीपी शुक्ला ने पुरस्कृत किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

नहीं ली ट्रॉफी

करीम सिटी कॉलेज के टीम मैनेजर डॉ। असीफुल्ला अंसारी के विरोध के कारण करीम सिटी की टीम ने संयुक्त रूप से ओवरऑल चैंपियन उप विजेता की ट्रॉफी ग्रहण की। डॉ। अंसारी का कहना था कि टीम को कुल क्भ्भ् अंक प्राप्त हुए और कुल सात प्राइज मिले। उनका कहना था जब डिबेट में दो फ‌र्स्ट प्राइज मिले तो उसका अंक कैसे कम हो सकता है। आयोजकों ने साजिश के तहत करीम सिटी को उप विजेता घोषित किया है। अगर एक प्राइज को हटा दिया जाता तो भी उन्हें क्ब्0 अंक प्राप्त हो रहे थे। ऐसे में आयोजकों द्वारा क्भ्भ् अंक को काटकर क्फ्0 कर दिया गया है। इसका उन्होंने विरोध किया। टीम में शामिल छात्र इस विरोध के कारण ऑडिटोरियम से बाहर चले गये। इस संबंध में केयू की डीएसडब्ल्यू डॉ। पद्यजा सेन ने कहा कि अंको में गड़बड़ी के कारण यह गलती हुई, जिसे बाद में सुधार कर दिया गया है। दरअसल कुल छ इवेंट के मा‌र्क्स जोड़े जाने थे, लेकिन करीम सिटी की टीम में सात के मा‌र्क्स जोड़ दिये गये थे। इस कारण यह गड़बड़ी हुई।

हमारा क्या कसूर

यूथ फेस्टिवल के दौरान समूह प्रतियोगिताओं में विजेताओं को एक ट्रॉफी प्रदान की गई। इस दौरान कई छात्र-छात्राएं नाराज दिखी। उनका कहना था कि जब हम सबने मिलकर जीत हासिल की है तो सबको ट्रॉफी मिलनी चाहिए। इसमें हमारा क्या कसूर।