पशुधन उत्पादन बढ़ाने पर वैज्ञानियों ने दिया जोर

BAREILLY:

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान के क्ख्भ्वें स्थापना दिवस उत्सव के पांचवे दिन पशुओं में होने वाले बांझपन की समस्या के उपचार पर एक वर्कशॉप आयोजित की गई। इस वर्कशॉप में यूपी के विभिन्न जनपदों के पशु धन अधिकारियों ने शिरकत की। वर्कशॉप का विषय 'एडवांसेस इन डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट ऑफ इनफरटीलिटी इन कैटेल एंड बैफैलो' रहा।

वर्कशॉप में न्यूट्रीशनल हारमोनल पर हुई चर्चा

इस वर्कशॉप में पशुओं में बांझपन की समस्या के निदान, पशुधन उत्पादन बढ़ाने, देश के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि पर बात की गई। इस अवसर पर केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा। एसके अग्रवाल मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। इन्होंने वर्कशॉप के विषय 'एडवांसेस इन डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट ऑफ इनफरटीलिटी इन कैटेल एंड बैफैलो' पर अपनी बात रखी। डा। अग्रवाल ने कहा कि पशुओं में होने वाली बांझपन की समस्या के निराकरण के लिए हमें एक एक विकसित सोच के साथ शोध करने की जरूरत है। पशुओं की नई-नई नस्लें किस तरह विकसित की जायें इसपर विचार करते हुए ही हम गरीब पशु पालकों को लाभ पहुंचा सकते है।

कार्यक्रम में उपस्थित संस्थान के निदेशक एवं कुलपति प्रो। आरके सिंह ने कहा कि पशुओं में बांझपन की समस्या जटिल पर नए सिरे से शोध करने की जरूरत है। इस वर्कशॉप में न्यूट्रीशनल हारमोनल के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम में पशु पुनर्उत्पादन विभाग वैज्ञानिक डा। जेके प्रसाद, डा। वीपी सिंह, डा। एमआर अंसारी व अन्य वैज्ञानिक व छात्र उपस्थित रहे।