- विशेषज्ञों ने विषय पर व्यक्त किए विचार

DEHRADUN: डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज में चल रही छह दिवसीय कार्यशाला शनिवार को संपन्न हो गई। उद्यमिता विकास पर आधारित कार्यशाला में देशभर के विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, ड्रग मैनुफैक्चिरिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड और डॉल्फिन इंस्टीट्यूट के डिपार्टमेंट ऑफ स्टैटिस्टिक्स, मैथ्स एंड कंप्यूटर साइंस के ज्वॉइंट वेंचर में ऑर्गनाइज हुई कार्यशाला के आखिरी दिन मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार की संयुक्त आयुक्त डॉ। एस सेन गुप्ता पांडे ने लैंप लाइटिंग कर समापन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का सम्पूर्ण जीवन ही उद्यमशीलता का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने बताया स्टूडेंट्स से विवेकानन्द जी के जीवन से सत्यनिष्ठा, साहस और ईमानदारी का पाठ सीखने का आह्वान किया। संस्थान के चेयरमैन अरविंद गुप्ता ने बताया कि देश में कूड़ा निस्तारण, जल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, वन प्रबंधन, शहरी विकास जैसी हजारों समस्याएं जनमानस के सामने मुंह बाये खड़ी है। ऐसे में इसे ओर सकारात्मक कदम उठाया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे उद्यमी न बने बल्कि समस्याओं का हल लेकर आगे बढ़े। उद्यमी अपने आप बन जाएंगे।

विशेषज्ञों से सीखे सफलता के गुर

कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर डॉ। संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि कार्यशाला में पिछले म् दिनों में प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों और उद्योग क्षेत्र से जुड़े लोगों से सफलता प्राप्त करने के गुर सीखे। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। इस अवसर पर संस्थान की प्रिंसिपल डॉ। शैलजा पंत, डॉ। जीएन सिन्हा, विपुल गर्ग, डॉ। श्रुति शर्मा, डॉ। सीएस पांडे, डॉ। डीके भारद्वाज, मालती साहनी, डॉ। शिव शरण सिंह, डॉ। राजू आदि मौजूद रहे।