यूपी के शहरों ने सीखा स्मार्टनेस का गुर

-लखनऊ में वर्कशाप, स्मार्ट सिटी, अमृत और स्वच्छ भारत मिशन पर चर्चा

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LUCKNOW (31 July):

यूपी के सभी शहरों ने फ्राइडे को स्मार्ट बनने के गुर सीखे। इसके तहत केंद्र सरकार की योजनाओं को रफ्तार देने और उनके इंप्लीमेंटेशन के लिए शुक्रवार को लखनऊ में एक एडवाइजरी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। सेमिनार में प्रदेश के निगमों के प्रमुख और नगर आयुक्तों ने हिस्सा लिया। आवास विकास विभाग में आयोजित वर्कशाप में केंद्र सरकार की योजनाओं स्वच्छ भारत मिशन योजना, स्मार्ट सिटी मिशन, अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में प्रजेंटेशन दिया गया।

लोगों को भी बनना होगा स्मार्ट

वर्कशाप की शुरुआत स्मार्ट सिटी के प्रजेंटेशन के साथ हुई। स्मार्ट सिटी मिशन के बारे में केंद्र सरकार के स्पेशलिस्ट और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के डायरेक्टर शिवपाल सिंह ने स्मार्ट सिटी के हर पहलू के बारे में बताया। किस तरह स्मार्ट सिटी का चयन होगा? चयन की प्रक्रिया क्या है? पैसे कैसे मिलेंगे? किन बुनियादी चीजों पर पहले काम होगा। इसकी जानकारी प्रजेंटेशन से शिवपाल सिंह ने दी। पांच साल में 100 स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है। पहले साल 20 और फिर चार सालों में भी 20-20 स्मार्ट सिटीज सेलेक्ट होंगे। आस्ट्रेलिया की क्वींस लैंड युनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉ। शील नूना ने भी प्रजेंटेशन दिया। स्मार्ट सिटी की परिकल्पना और नई सोच के बारे में बताते हुए कहा कि। स्मार्ट सिटी का मतलब ज्यादा से ज्यादा सर्विस देने से नहीं बल्कि सिटी के मान्यूमेंट्स को सेव करते हुए मौजूदा इनवायरमेंट के अनुकूल बिल्डिंग्स को डेवलप करना है। नगरों के पर्यावरण को संरक्षित करने में नागरिकों को जागरूक बनाना है। उन्होंने कहा कि नागरिकों के स्मार्ट होने पर ही शहर स्मार्ट होगा।

अमृत योजना से शहर होंगे पॉल्यूशन फ्री

स्मार्ट सिटी मिशन के बाद अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन ((AMRUT) का प्रजेंटेशन शहरी विकास मंत्रालय के टेक्निकल एडवाइजर हर्षवर्धन शर्मा ने किया। प्रजेंटेशन के दौरान बताया गया कि इसका उद्देश्य सभी परिवार को निर्धारित पावर सप्लाई, ग्रीन लैंड, सुव्यवस्थित व खुले मैदान और गैर मोटरीकृत परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा। ताकि शहर को प्रदूषण और बारिश के दौरान जलभराव से मुक्ति मिल सके। योजना में जिन शहरों को शामिल किया जाएगा, उन्हें दो सेक्टर में बांटा गया है। कैंटोमेंटल बोर्ड का सिविलियन एरिया और अधिसूचित ऐसे नगरीय निकाय जिनकी आबादी 1 लाख से अधिक हो। इसका उद्देश्य निकाय क्षेत्र में रहने वाले हर फैमिली को निश्चित जलापूर्ति करना है। शहरों को हरा भरा रखने के लिए पार्को को डेवलप करना होगा।

स्वच्छ भारत मिशन पर भी प्रजेंटेशन

पिछले साल 2 अक्टूबर से शुरू स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को जागरूक करने और केंद्र की योजनाओं को किस तरह लोगों के बीच पहुंचायी जाए इसका प्रजेंटेशन भी दिया गया। प्रजेंटेशन के दौरान बताया गया कि मिशन को कामयाब तभी माना जाएगा जब खुले में शौच करना लोग पूरी तरह से बंद कर दें। इसके लिए हर घर में शौचालय बनाये जाने के लिए केंद्र सरकार इसी योजना के तहत पैसे उपलब्ध करा रही है।

जल्द तय होंगे शहरों के नाम

यूपी नगर विकास विभाग के सेक्रेटरी एसपी सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के बारे में शहरों का सेलेक्शन भारत सरकार की ओर से 2-3 दिन में सुनिश्चित कर दिये जायेंगे। इसके बाद स्मार्ट सिटी प्रपोजल के लिए भारत सरकार द्वारा चयनित कंसलटेंट्स को आरएफपी और आरएफपी डॉक्यूमेन्ट तैयार होंगे। जो सिटी सेलेक्ट करके भेजे गये हैं उनके नगर निगमों के नगर आयुक्त और नगर पालिकाओं के अधिकारी क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र (आरसीयूईएस) से सलाह मशविरा करके कार्रवाही सुनिश्चित करें। एसपी सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक लाख से अधिक की आबादी वाले नगरीय निकाय सर्विस लेवल इंप्रूवमेंट प्लान बनाने की कार्यवाही शुरू कर दें।