-आद्री और आईजीसी की ओर से इकोनामिक सर्वे आउटरीच सेशन ऑर्गनाइज

-चीफ इकोनामिक एडवाइजर ने कहा बिहार के पोटेंशियल को बेहतर करने की जरूरत

PATNA: बिहार उन गिने-चुने स्टेट में शामिल हो सकता है जो विकास की उंची छलांग लगा सकता है। ये बातें भारत सरकार के चीफ इकोनामिक एडवाइजर डॉ अरविंद सुब्रमण्यम ने आद्री और आईजीसी की ओर से होटल मौर्या में ऑर्गनाइज इकोनामिक सर्वे आउटरीच सेशन में अपने एड्रेस में कहा। उन्होंने कहा कि इसके रास्ते में कई प्रकार के चैलेंजेज हैं लेकिन इसमें सरकार समझदारी दिखाए और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनशिप को बढ़ावा मिले। हालांकि पहले से बिहार आर्थिक रूप से बेहतर जरूर हुआ है।

अभी फाइनेंसियल एड कहां

इकोनामिक सर्वे आउटरीच सेशन के दौरान इस बात पर डॉ सुब्रमणयम ने कहा कि बिहार बार-बार मांग करता रहता है कि उसे आर्थिक मदद चाहिए। इतिहास को देखा जाए तो पता चलता है कि आर्थिक मदद और विदेशी मदद उन्हें मिलता रहा है जो मिली राशि को बढ़ाने में सक्षम हो। उन्होंने दो-टूक कहा कि अभी यहां सरकार को लॉ एंड ऑडर को बेहतर करने की जरूरत है। इसके बिना विकास या ग्रोथ मुश्किल है।

पीपीपी मॉडल से होगा डेवलपमेंट

सुब्रमणयम ने कहा कि बिहार एक पुअर स्टेट है। यहंा के लोगों को सक्षम बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही डेवलपमेंट के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनशिप को बढ़ावा देने की जरूरत है। इससे नए अवसर व बुनियादी ढांचे में भी सुधार होगा। इस मौके पर आद्री के डायरेक्टर डॉ शैवाल गुप्ता, आईजीसी के कंट्री डायरेक्टर प्रो। अंजन मुखर्जी व अन्य मौजूद थे।

क्ब्वें कमीशन से होगा लाभ

डॉ सुब्रमणयम ने कहा कि बिहार को क्ब्वां वित आयोग की सिफारिशों से निश्चित रूप से लाभ होगा। इसमें डिवोल्यूशन ऑफ फंड से स्टेट को टैक्स बेनेफिट मिलेगा। इसके लिए वित्त मंत्री को इसके लाभों का आंकलन करना चाहिए।