कैंट इलाके में बिजली का करंट लगने पर घायल बंदर को लेकर पहुंचे थे लोग, डॉक्टर नहीं होने की कहकर भर्ती नहीं किया, प्राथमिक उपचार कर लोगों को भगाया

बरेली:

देश में पशु चिकित्सा अनुसंधान की सबसे बड़ी संस्था आईवीआरआई में विश्व पशु दिवस पर सैटरडे को एक घायल बंदर के साथ अमानवीयता की गई। बिजली का करंट लगने पर जख्मी बंदर को कैंट इलाके से कुछ एनिमल लवर्स उपचार के लिए आईवीआरआई लेकर पहुंचे थे। शाम चार बजे आईवीआरआई की इमरजेंसी में कोई डॉक्टर नहीं था। फोन पर संपर्क किया गया तो भी कोई नहीं आया। स्टॉफ बंदर को भर्ती करने की बजाय यह कहकर भगा दिया कि अभी डॉक्टर नहीं हैं, कल सुबह आना।

जख्मी बंदर को लोग अपना सा मुंह लेकर वापस लौट आए, किसी ने बाजार से दवा खरीदी तो किसी ने उससे खाना-पीना दिया। एनिमल फूड शॉप चलाने वाले पम्मी चौहान ने रात को उसे अपने घर में रखा है, लेकिन उस बेजुबान के जीवन से खतरा अभी टला नहीं है।

कोई डॉक्टर पार्टी में तो किसी के घर मेहमान:

बंदर को लेकर लोग आईवीआरआई पहुंचे तो इमरजेंसी में कोई डॉक्टर नहीं था। वार्ड ब्वॉय ने बताया कि केवल एक बजे तक उपचार होता है। इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर के बारे में पूछने पर पता चला उनके घर मेहमान आए हैं, एक अन्य डॉक्टर किसी पार्टी में गए हैं। ऐसे में बड़ी मिन्नतें करने पर वहां के एक वार्ड ब्वॉय ने जख्मी बंदर को ड्रिप लगाई और लोगों को कहा कि इसे ले जाओ कल लाना।

सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा: घायल बंदर को आईवीआरआई से निकाल दिए जाने पर पम्मी ने सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें और पूरा वाकया पोस्ट कर दिया। फेसबुक पर लोग मदद के लिए उमड़ पड़े। महज कुछ ही घंटों में 500 से अधिक लाइक्स को और करीब 200 से अधिक कमेंट आ गए। लोगों ने एक तरफ जहां आईवीआरआई को जमकर कोसा वहीं, लोगों के बंदर को बचाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की।