- टीसीएस के वाइस चेयरमैन आज नेशनल हब का इनॉग्रेशन करेंगे

- टाटा कंसलटेंसी के साथ मिलकर बहुत कम समय में डेवलप की जाएंगी कारें

KANPUR: आईआईटी में इंटीग्रेटेड कम्प्यूटेशनल मैटीरियल्स इंजीनियरिंग(आईसीएमई) हब डेवलप किया गया है। इस हब को व‌र्ल्ड क्लास बनाने की तैयारी की गई है। अहम बात यह है कि इसके लिए आईआईटी और टाटा कंसलटेंसी सर्विस ने हाथ मिलाया है। जिसका असर ये होगा कि जिस कार को डेवलप करने में 10 साल का टाइम लगता है, अब उसे आईसीएमई की मदद से बहुत कम वक्त में डेवलप किया जा सकेगा। थर्सडे मार्निग इस नेशनल हब का इनॉग्रेशन टीसीएस के चेयरमैन व चीफ टेक्निकल ऑफिसर और आईआईटी डायरेक्टर प्रो। इन्द्रनील मान्ना करेंगे।

नेशनल हब से जुड़े अहम संस्थान

नेशनल हब में एकेडमिक व इंडस्ट्री का गठजोड़ होना तय है। इस हब में आईआईटी मुंबई, आईआईएससी बंगलौर, आईआईटी मद्रास, डीआरडीओ, नेशनल मेटालर्जिकल लैब, जार्जिया टेक अहम भूमिका निभाएंगे। नेशनल हब में रिसर्च के अलावा प्रोडक्ट को डेवलप करने की दिशा में फोकस किया जाएगा। आईआईटी डायरेक्टर प्रो। इन्द्रनील मान्ना ने बताया कि नवंबर 2015 में टीसीएस से नेशनल हब बनाने के लिए सहमति हुई थी। उन्होंने बताया कि यहां पर रिसर्च को उस स्तर पर ले जाएंगे कि किसी दूसरे संस्थान की सहायता की जरुरत ही न पड़े।

हाई स्ट्रेंथ स्टील पर रिसर्च

नेशनल हब का फायदा डिफेंस के लिए मैटीरियल डेवलप करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा एटामिक एनर्जी, रेलवे, एल्युमीनियम, स्टील के साथ-साथ आटोमोबाइल सेक्टर के लिए भी यहां पर काम किया जाएगा। रिसर्च में सबसे ज्यादा हाई स्ट्रैंथ स्टील, इंजीनियरिंग पॉलीमर और कम्पोजिट्स मैटीरियल पर रिसर्च वर्क किया जाएगा।