Albert Einstein (1879-1955)    
अल्बर्ट आइंस्टीन एक सैद्धांतिक भौतिकविद् थे. इनको किसी भी चीज को सीखने में काफी दिक्कत होती थी. इसके अलावा 3 साल की उम्र तक ये बोल भी नहीं सके थे. अपने स्कूल के दिनों में उन्हें सबसे ज्यादा समस्या मैथ्स में आती थी. खुद को लिखकर बयां करना भी इनके लिए काफी कठिन था. इसके बावजूद इन्हें  सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc² के लिए जाना जाता है. उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया.

Alexander Graham Bell (1847-1922)
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को पूरी दुनिया आमतौर पर टेलीफोन के आविष्कारक के लिए ही जानती है. बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि ग्राहम बेल ने न सिर्फ  टेलीफोन, बल्कि कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई और भी उपयोगी आविष्कार किए हैं. इतने अविष्कारों तब भी संभव हो गए जब ग्राहम बेल को भी सीखने की दिक्कत थी. कोई भी चीज इन्हें जल्दी समझ में नहीं आती थी. ज्यादा प्रेशर डालने पर इनके दिमाग में कई चीजें आपस में उलझ जाती थीं.

क्लिक करें इसे भी : World disabled day: तस्वीरों में देखें, कुछ ऐसे Disable लोग, जिनकी ability का दुनिया मानती है लोहा 

Thomas Edison (1847-1931)
थॉमस अल्वा एडीसन, एक अमरीकी अविष्कारक और व्यापारी थे. इन्होंने अनेकों यंत्र व युक्तियाँ विकसित कीं, जिनसे संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आए. विद्युत बल्ब तथा फोनोग्राफ सहित इन्होने हजारों आविष्कार किए. शुरू-शुरू में एडीसन को भी सीखने की दिक्कत थी. वह साल साल की उम्र तक कुछ पढ़ नहीं पाते थे. उसके बाद उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया कि वो बहरे हैं. उनको इसका अहसास तब हुआ जब उन्होंने खुद को ट्रेन और कार की आवाज सुनने तक में असमर्थ पाया.   

George Washington (1732-1799)
जार्ज वाशिंगटन संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राष्ट्रपति हुए. उन्होंने अमेरिकी सेना का नेतृत्व करते हुए ब्रिटेन के ऊपर अमेरिकी क्रान्ति में विजय हासिल की. उन्हें 1781 में अमेरिका का पहला राष्ट्रपति चुना गया. आज भी अमेरिका में उनके नाम का सिक्का चलता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन्हें भी लर्निंग डिस्एबिलिटी यानी जल्दी न सीख पाने की दिक्कत थी. इसके साथ ही इनकी ग्रार्मर स्किल्स भी काफी खराब हुआ करती थीं.  

Franklin D. Roosevelt (1882-1945)   
फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति थे. वे द्वितीय विश्वयुद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान बीसवीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से थे. राष्ट्रपति पद के लिए वे चार बार चुने गए और 1933 से 1945 तक इस पर बने रहे, लेकिन क्या आपको पता है कि रूज़वेल्ट इतने काबिल होने के साथ पोलियो ग्रस्त भी थे.

John Milton (1608 –1674)
जॉन मिल्टन को आज भी इंग्लिश के महान लेखक और कवि के रूप में याद किया जाता है. अपनी लेखनी के जरिए इन्होंने आज भी खुद को साहित्य प्रेमियों के बीच जीवित बनाए रखा है. मिल्टन के बारे में सबसे बड़ा सच यह है कि उन्होंने 43 साल की उम्र में अपनी आंखें गवां दी थीं. इसके बावजूद इन्होंने अपने उपन्यास और कविताओं को लिखना बंद नहीं किया.  

Stephen Hawkings (8 January 1942)
दुनिया के मशहूर भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ और ब्रह्मांड के इतिहास पर लिखने वाले लेखक स्टीफन हॉकिंग्स को कौन नहीं जानता. हॉकिंग्स की बिग-बैंग और ब्लैक होल थ्योरी ने पूरी दुनिया का ध्यान इनकी ओर आकर्षित किया. अपने शरीर से ये बुरी तरह से अपाहिज हैं और कम्प्यूटर के सहारे चलने वाली मशीन की मदद से पढ़ाते भी हैं. 'A Brief History of Time' इनकी प्रसिद्ध किताबों में से एक है.

world disabled day: कुछ ऐसे disable लोग,जिनकी ability का दुनिया मानती है लोहा 

Sudha Chandran (21 September 1964)
भारतीय एक्ट्रेस और मशहूर क्लासिकल डांसर सुधा चंद्रन के बारे में सबसे बड़ी और चौंका देने वाली बात ये है कि ये एक पैर से अपाहिज हैं. 1981 में एक एक्सिडेंट के दौरान इन्होंने अपना एक पैर गवां दिया. इसके बावजूद फिल्म 'नाच मयूरी' में इनकी जबरदस्त डांस पफॉर्मेंस ने हर किसी को चौंका दिया. सुधा एक नकली पैर के सहारे भी अपने नृत्य से स्टेज को हिला कर रख देने की क्षमता रखती हैं.

Woodrow Wilson (1856 -1924)
वुडरो विल्सन अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति थे. विल्सन को लोक प्रशासन के प्रकार्यों की व्याख्या करने वाले अकादमिक विद्वान, प्रशासक, इतिहासकार, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है. ये भी लर्निंग डिस्एबिलिटी के शिकार थे. इसके साथ ही इन्हें डिस्लैक्सिया की भी दिक्कत थी.   

Lord Nelson (1758 - 1805)
होरेशियो नेलसन ब्रिटेन की नौसेना के एक प्रसिद्ध सिपहसालार थे. इन्होंने फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट के ख़िलाफ़ हुए युद्धों में जीत पाने के लिए बहुत ख्याति प्राप्त की थी. वे बहुत बार लड़ाइयों में घायल भी हुए, जिसमें उन्हें एक बाज़ू और एक आंख भी खोनी पड़ी. इसके बावजूद उन्होंने सेना की ओर से खेलना नहीं छोड़ा.

Hindi News from World News Desk

 

Interesting News inextlive from Interesting News Desk