>World Malaria Day Today

- सरकारी कार्यक्रम की कमजोर व्यवस्था के कारण दशकों बाद भी मलेरिया का खतरा

- पटना में बीते साल मलेरिया से 32 केस आए, रिसर्च के लिए नहीं है कोई सिस्टम

PATNA: पटना मलेरिया का भले ही गंभीर खतरा वाला स्थान न हो, पर इसे लेकर स्थिति को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। इसके बेहतर रोकथाम के लिए अभी काम बाकी है। पीएमसीएच के एक सर्वे के मुताबिक मच्छरों में डीडीटी व अन्य कीटनाशकों से रेसिस्टेंट हो चुका है। ऐसे में इनके प्रसार को रोकना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। बढ़ती आबादी, कूड़े का खराब मैनेजमेंट और इन सभी से गंभीर बात जगह-जगह जलजमाव। इसके कारण जहां-जहां पानी कई दिनों तक जमा रहता है, उनमें मलेरिया के मच्छरों के लिए एक ब्रीडिग ग्राउंड बन रहा है। पटना में मलेरिया के सबसे अधिक केसेज राजेन्द्र नगर के सैदपुर इलाके में है। यहां मोइनुल हक स्टेडियम के आस-पास के इलाकों में जलजमाव और जगह-जगह कूड़े के जमा होने से इसका फैलाव होता है।

पटना में क्या है स्थिति

डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर डॉ राजकुमारी ने बताया कि यहां दो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटलों में इसकी जांच और ट्रीटमेंट की व्यवस्था है। पटना में मलेरिया के कोई गंभीर खतरा जैसी कोई बात नहीं है, पर पटना मेंटेनेंस फेज में रखा गया है, वहीं पीएमसीएच में कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड डॉ रश्मि सिंह ने बताया कि यहां जेनरल और सेलेब्रल मलेरिया-दोनों के ही केसेज आते हैं, जिसमें सेलेब्रल मलेरिया के केसेज एटीसी यानी आर्टिमेंनसिनीन कॉम्बीनेशन थेरेपी के तहत ट्रीटमेंट होता है। सामान्य केस में ट्रीटमेंट में क्लोरोक्वीन का यूज किया जाता है, वहीं सेलेब्रल मलेरिया में ड्रग का कॉम्बीनेशन दिया जाता है। यह पीएमसीएच और एनएमसीएच में अवेलेबल है। सिविल सर्जन डॉ केके मिश्रा ने बताया कि सभी 23 पीएचसी में इसकी आइडेंटिफिकेशन और ट्रीटमेंट की व्यवस्था है।

पटना में मलेरिया के केसेज

साल मामले

2012 12

2013 32

2014 अभी तक एक भी नहीं

सेलेब्रल मलेरिया है सबसे खतरनाक

मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसके चार प्रकार हैं, जो परजीवी से फैलता है। प्लाजमोडियम वाइवैक्स, पी फालसिपेरम, पी मैलरी और पी ओवेल। आम बोलचाल की भाषा में इसे समझें, तो एक जेनरल मलेरिया केस होता है और दूसरा अत्यंत घातक सेलेब्रल मलेरिया, जिसे दिमागी बुखार या मस्तिष्क ज्वर भी कहा जाता है। अगस्त 2009 में मुंगेर में इसके 666 केसेज पाए गए थे, जिनमें से छह की मौत हो गई थी।

Symptoms of Malaria

कई दिनों से तेज बुखार, मेंटली अवेयर न होना, वीकनेस, बेहोशी या कोमा में चले जाना, सांस लेने में तकलीफ, एनीमिक होना, दौरे पड़ना, बहुत उल्टियां और पेशाब गहरे काले या लाल रंग का होना या कम होना आदि।

गर्भवती महिलाओं को मलेरिया का खतरा अधिक

PATNA: आमलोगों की तुलना में गर्भवती महिलाओं को मलेरिया का खतरा अधिक होता है। यह इसलिए भी जरूरी है कि ऐसे केस में दो जान यानी जच्चा और बच्चा दोनों ही रिस्क में होते हैं। इसके बचाव के लिए खास ध्यान दिया जाना चाहिए। यह बातें गुरुवार को पहल के डायरेक्टर डॉ दिवाकर तेजस्वी ने मलेरिया अवेयरनेस प्रोग्राम में कहीं। उन्होंने कहा कि अगर कोई मलेरिया प्रभावित क्षेत्र में रह रहा है, तो इसके बचाव के लिए खासतौर पर अलर्ट रहने की जरूरत है। मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले ऑयल व क्रीम आदि का यूज करना चाहिए।